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लोककथा अध्ययननी ऐतिहासिक भौगोलिक पद्धति
कथाना प्रसरण अंगे दिशा-सूचन एन्डरसननु भनुमान छे के लोककथाओ सामान्यतः ऊच्च संस्कारसपन्न लोकसमुदाय पासेथी निम्न सस्कारसंपन्न जन-समुदायमा स्थानान्तर करे छे जो के आ सिद्धान्तने युरोप जेवा देशने के ज्यां अनेक जन-जूथो अग्रणी स्थाने होवानो, दापो करता होय त्यां लागु पाडो शकातो नथी, तेम छतां त्यां पण ते व्यक्तिगत प्रसंगोमा ठीक ठीक प्रमाणमां मार्गदर्शक थई पडे छे.
अमेरिकामा वसवाट करनार युरोपवासीओ अने एना मूळ आदिवासी लोको बच्चेना आदान-प्रदाननी दिशा परत्वे कोई शंका नथो. लगभग ५० जेटली युरोपीयन कथाभो अमेरिकन इन्डियनमां प्रसार-प्रचार पामी छे. पण उलटपक्षे युरोपमा एक पण अमेरिकन इन्डियननी कथा प्रचलित बनो नथी. ए आ सिद्धान्तनो सारो पुरावो छे.
कथामोना वास्तविक संक्रमण-मार्ग अंगे एम कही शकाय के ते सामान्यतः महत्वना सांस्कृतिक संपर्कना पथने अनुसरे छे. समीपवती भिन्न सस्कारयुक्त देशमा मा कार्य अंगे हस्तक्षेप करवाना मुकाबले तेभो आ कार्य विशाळ जळना प्रस्तार पर वधु सहेलाइथी साधे छे. वळी तेओ माड-भूमिमार्ग करता सीधा जळ-मार्गने प्रायः वधु अनुसरे छे. जेमके, घणी बधी लोककथामो जर्मनीथी डेन्मार्कने स्पर्श पण कर्या वगर सीधी स्वीडन पहोंची गई छे.
एन्डरसन दर्शावे छे के दरेक प्रकारनी सीमाओ- भौतिक, राजकीय, भाषाकीय, सांस्कृतिक भने धार्मिक-परंपराना प्रसारणनो प्रतिरोध करे छे. वळी ज्यारे आ सीमाओ वच्चे संघर्ष प्रवर्ततो होय छे, त्यारे वधु रसप्रद परिस्थिति सर्जाय छे. एन्डरसन आ माटे Walloon नी कथामोनुं उदाहरण मापे छे.
आ कथामो राजकीय दृष्टिए फ्लेमीश [Flemish] साथे अने भाषाकीय दृष्टिए फेन्च साये संकळायेली छे ।
सांस्कृतिक सीमाओ परंपरागत कथानकना प्रसरणमा निःशक प्रबळ प्रतिरोध दर्शावे छे.
एन्टी आर्ने एशियन कथाना युरोपमा थयेला प्रसारण अंगे बे मार्ग सूचवे छे. प्रथम मार्ग ते दक्षिण-पश्चिम एशियाथी बाल्कन के उत्तर अफ्रिकाद्वारा दक्षिण युरोप. बीजो मार्ग, पूर्वमाथी साईबीरिया अने कोकेशस द्वारा रशिया. केटलीकवार छेल्ला मार्गमा परंपरानु प्रसरण रशियाथो पूर्व तरफ पण थयुं हतुं.