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परणग
ओसा.. . - प्रोस उत्तिग...
कीड़ियों के विल
- पांच रंग की काई . दग... - सचित्त जल :, मट्टी - - सचित्त मिट्टी
मक्कडा-संतारणा -- मकड़ी के जाले इनके संकमणे ।
-कुचले जाने से -
जो मे....... मैंने ". जीवा . . . . .
; ...-. जीवों की विराहिया.
विराधना की हो (पीड़ा पहुंचायी हो)
कौन जीव-- . .. .. एगिदिया. - एकेन्द्रिय - .
. बेइन्दिया
... - बेइन्द्रियः '. तेइन्दिया .. - तेइन्द्रिय, तीन इन्द्रिय वाले । चरिदिया.. ..- चार इन्द्रिय वाले
पचिदिया , - पांच इन्द्रियं वाले अभिहया .. - सामने से आते को टकराया हो वत्तिया
धूलादि से ढके हो .... लेसिया
मसले हों.
इकट्ठे किये हों . संघट्टिया - गाढ छुए हों . परियाविया
परितापना (पीड़ा) पहुंचायी हो किलामिया . थकाये हों-कष्ट पहुँचाये हों · उद्दविया - हैरान किये हों
। - एक स्थान से
--- दूसरे स्थान पर संकामिया - दुर्भावना से रखे हों जीवियानों.
जीवन से ववरोविया ... - . रहित किये हों .: तस्स . - उसका . .... दुबकई
-~- दुष्कृत-पाप .:. मि . . . - मेरे लिये. . . मिच्छा - निष्फलं हो
सामायिक - सूत्र / २५