Book Title: Samayik Sutra
Author(s): Gyanendra Bafna
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 35
________________ • लोगस्स सूत्र-उक्कित्तणं सुत्तं लोगस्स उज्जोयगरे, धम्मतित्थयरे जिणे। ... . अरिहंते कित्तइस्स, चउवीसंपि केवली ॥१॥ उसभमजियं च वंदे, सम्भवमभिरणदणं च सुमइं च। ..... .. पउमप्पहं सुपास, जिणं च चंदप्पहं वन्दे ॥२॥ .... सुविहिं च पुप्फदंत, सीअल-सिज्जस-वासुपुज्जं च । .. .. विमलमणंत च जिणं, धम्म संति च वदामि ॥३॥ कुथु अरं चं मल्लि, वंदे मुरिणसुव्वयं नमिजिणं च ।.. वंदामि रिट्टनेमि पासं तह वद्धमारणं च ॥४॥ एव मए अभिथुया, विहुय-रयमला पहीरण-जरमरणा। चउवासंपि जिणवरा, तित्थयरा मे पसियतु ।।५।। कित्तिय वदिय महिया, जे ए लोगस्स उत्तमा सिद्धा। आरुग्ग बोहिलाभ समाहि-वरमुत्तमं दितु ॥६॥ चंदेसु निम्मलयरा, प्राइच्चेसु अहियं पयासयरा । - सागरवर गंभीरा, सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु ॥७॥ .33 १ . लोगस्स . . उज्जोयगरे . धम्मतित्थयरे जिणे .. अरिहंते चउवीसंपि केवली कित्तइस्सं . उसभं च अजियं. -. लोक के .. ..- उद्योत करने वाले - धर्म तीर्थ के कर्ता .- राग द्वेष के विजेता अरिहंतः . - चौवीसों - केवल ज्ञानियों का . - कीर्तन स्तुति करूंगा - ऋषभदेव को ... -- और. . .. - श्री अजीत को सामायिक - सूत्र | ३५.

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