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• शक्रस्तव-प्रोरापात-सूत्र
नमोत्थुरणं, अरिहंतारणं, भगवंतारणं, आइगराणं, तित्थयराणं. सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमारणं, पुरिस- . सीहारणं, पुरिस-वर-पुडरीयारणं, पुरिसवर-गंधहत्थीरणं लोगुत्तमारणं, लोग-नाहाणं, लोगहियारणं, लोगपईवारणं
लोग-पज्जोयगराणं, अभयदयारणं, : चक्खुदयाणं, - मग्गदयारणं, सरणदयारगं, जीवदयारण, बोहिदयाए,
धम्मदयाएं, धम्मदेसयारणं, धम्मनायगाएं, धम्मसारहीए, धम्मवर चाउरंत चक्कवट्टीएं; दीवोताणंसरएं-गइ-पइट्ठा, अप्पडिहय-वर-नाणं-दंसरणधराएं, विअट्टछउमाएं, जिणाएं, जावयाएं, तिनाएं, तारयाए, बुद्धाएं, बोहयाणं, मुत्ताण, मोयगारण, सम्वन्तरण, सव्वदरिसी, सिव्वमयलमख्यमरगत
मक्खयमव्वाबाहमपुरणरावित्ति - सिद्धिगइ - नामधेयं ... ठाणं संपत्ताण, नमो जिरणारण जियभयारण ॥ . नमोत्युणे : --- नमस्कार हो अरिहंताणं
- अरिहंतों को भगवंतारणं ;
- भगवान को आइगराणं ..
- धर्म की आदि करने वाले तित्थयराएं
~ धर्म तीर्थ की स्थापना करने वाले सयं-संबुद्धारणं
- बिना गुरु के स्वयं बोध पाने वाले पुरिसुत्तमाणं
पुरुषों में श्रेष्ठ पुरिससीहारणं
- पुरुषों में सिंह के समान पुरिसवर गंधहत्थोणं ..- पुरुषों में श्रेष्ठ गंध हस्ती के .. पुरिसवर पुंडरीयारणं... - . पुरुषों में श्रेष्ठ पुण्डरीक कमल के
, समान. . . सामायिक - सूत्र / ४६ . ...
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. समान