Book Title: Samayik Sutra
Author(s): Gyanendra Bafna
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 50
________________ लोगुत्तमारणं लोक में उत्तम . .... लोगनाहारणं लोक के नाथ लोगहियाणं लोक के हितकारी .. लोगपईवारणं - लोक में प्रकाशमान-दीपक के समान लोगपज्जोयगराएं लोक में उद्योत करने वाले अभयदयाणं -- अभय देने वाले . चक्खुदयाणं ज्ञानरूप नेत्र देने वाले मगदयाणं मोक्ष मार्ग के प्रदाता सरणदयाएं . - शरणदाता .. जीवदयाणं संयम रूप जीवन के दाता बोहिदयाणं बोधि याने सम्यक्त्व के दाता घम्मदयाणं धर्म के दाता धम्मदेसयाणं -~. धर्म के उपदेशक . . .घम्मनायगाणं ~ घर्म के नायक . धम्मसारहीरएं धर्म के सारथि .. चाउरंत चार गति का अंत करने वाले . घम्मवर धर्म के श्रेष्ठ चक्कवट्टीणं चक्रवर्ती . दीवोतारणं समुद्र में द्वीप के समान सरणं-गइ-पइट्ठा - शरण देने वाला सप्पडिहय अप्रतिहत, निर्वाव . वर नारगदसण घराणं श्रेष्ठ ज्ञान दर्शन के धारक विमट्टछउमाणं छमभाव से रहित जिरणारगं, जावयाणं राग द्वेष के विजेता, दूसरों को जिताने वाले तिन्नाणं, तारयाणं स्वयं तिरने वाले, दूसरों को तिराने वाले बुद्धारणं, बोहयाणं स्वयं वोध प्राप्त, दूसरों को वोध . देने वाले मुत्तारणं, मोयगाणं स्वयं मुक्त, दूसरों को मुक्त करने वाले । सव्वन्नृणं सर्वज्ञ सव्वदरिसीणं सर्वदर्शी सिवं उपद्रव रहित अयलं अचल, स्थिर अरु रोग रहित . --- अन्त रहित सामायिक - सूत्र / ५०.. प्रणं

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