Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८) (५) धरातल वह है जिसकी कोई जगह हो और जिसमें लम्बाई और चौड़ाई हों लेकिन मुटाई न हो टि. जहाँ एक धरातल दूसरे को काटता है वह रेखा है (६) धरातल के किनारे रेखाई टि. दो सीधी रेखाओं की एक धरातल में होने को कद इस जगह पर इसलिये नहीं की गई है कि दो सौधौ रेखा जो आपस में मिलती है हमेशा एक ही धरातल में होती हैं (७) समधरातल वा दर्पणोदर धरातल पर धरातल है कि जिसपर कोई दो बिन्दु लिये जांय और उन बिन्दुओं के बीच सोधीरेखा खींची जाय तोवह सीधी रेखा बिलकुल धरातल में ही टि. सम धरातल ठहरे हुए पानी या चिकने फर्ण के धरातल के समान विजकल चपटा शौर हमवार होता है (८) कोन ऐसी दो रेखाओं के एक दूसरी तरफ के मुकाव की कहते हैं जो एक धरातल में आपस में मिलती हैं लेकिन मिलकर एक रेखा नहीं बन जाती हैं टि. कोन दो वक्र रेखा या एक वक्र रेखा और एक सीधी रेखा या दो सीधी रेखाओं के एक धरातल में मिलने से पैदा होता - है जो मिलकर एक रेखा नहीं बन जाती है (e) सरलकोन उस कोन को कहते हैं जो ऐसी दो सीधी रेखाओं के एक दुसरी की तरफ झुकाव से पैदा हो जो मिलकर एक सीधी रेखा नहीं बन जाती है टि. (१) जब किसी बिन्दु पर एक ही कोग हो तो वह एक अक्षर से जो उस पर लिखा हुया हो । बयान हो सकता है जैसा कि कोन अ का है मगर / जब एक बिन्दु पर एक से जियादा कोने हों तो अ ब ज उन में से हर एक कोन तीन अक्षरों से इस तरह बयान किया जाता है कि बीच का अक्षर बिन्दु पर लिखा हुया होता है और एक अक्षर उन दोनों सीधी रेखायों के जिनसे कोन बनता है किसी जगह पर लिखा होता है मसलन् जो कोन रेखा ब अ और सबसे बनता है उसको ब अस कोन और जो कोन स अ और दअ रेखायों से बना है उसको सअद कोन और जो कोन व अ और द अरेखाओं से बना है उसको ब अद कोन कहते है For Private and Personal Use Only

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