________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२१) त्रिभुज वह क्षेत्र है जो तीन सीधी रेखाओं से घिरा हो । टि. जिन सीधी रेखायों से त्रिभज घिरा होता है उनमें से एक को आसानी के लिये त्रिभुज का अाधार और बाकी दो को त्रिभज की मुज कहते हैं और उस बिंदु को जहां दोनों भज मिलती है त्रिभुज का शीर्ष कहते है
(२२) चतर्मजवह क्षेत्र है जो चार सोधी रेखाओं से घिरा हो __ (२३) बहमुज वह क्षेत्र है जो चार से ज़ियादा सीधी रेखाओं से घिरा हो
टि. जिस बहुमज क्षेत्र की सब भजा और मब कोन यापसमें बराबर होते हैं उसको समान कोन सम भुज क्षेत्र कहते हैं
(२४) समविबाहु त्रिभुज वह विभुज है जिसकी तीनों भुजा आपसमें बराबर हों
( २५ ) समदिबाहु त्रिमज वह त्रिभुज है जिसकी . दो भुज अापसमें बराबर हों
टि. समविवाहु त्रिभुज समविवाहु भी होता है लेकिन समविवाह विभुज समत्रिवाह नहीं होसक्ता है।
(२६) बिषम बाह त्रिभुज वह विभुज है । जिसकी कोई एक भुजा दूसरी भुजा के बराबर न हो/
(२७) समकोन त्रिभज वह त्रिमज है जिसका एक कोन समकोन हो
टि. समकोन त्रिभुज में समकोन के सामने वालो भुज को कर्ण और बाकी दो भुजाओं में से एक को भाधार या भमि और दूसरी को कोटि या लंब कहते है
(२८) अधिक कोन त्रिभुज वह त्रिभुज है । जिसका एक कोन अधिक कोन हो
(२८) न्यन कोन त्रिभुज वह त्रिभुज है जिसके . सब कोन न्यन कोन हों
टि. (१) न्यून कोन त्रिभुज में तीनों कोन न्यन कोन होने को कद इसलिये रखी गई है कि समकोन त्रिभुज और अधिक कोन त्रिभुजों में
For Private and Personal Use Only