Book Title: Pravachana Saroddhar Part 2
Author(s): Hemprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ विषयानुक्रम द्वार-संख्या विषय पृष्ठांक २२७. २२८. २२९. २३०. २३१. २३२. २३३. २३४. २३५. २३६. २३७. २३८. २३९. २४०. २४१. २४२. २४३. २४४. २४५. २४६. २४७. २४८. योग गति कालमान विकुर्वणाकाल समुद्घात पर्याप्ति अनाहारक-४ भय-स्थान अप्रशस्त-भाषा अणुव्रत-भंग-भेद पाप-स्थान मुनि-गुण श्रावक-गुण गर्भस्थिति तिर्यंची की गर्भस्थिति मानवी की गर्भ की कायस्थिति गर्भस्थ का आहार गर्भोत्पत्ति कितने पुत्र कितने पिता स्त्री-पुरुष का अबीजत्व काल शुक्रादि का परिमाण सम्यक्त्व का अन्तरकाल मानव के अयोग्य जीव पूर्वांग का परिमाण पूर्व का परिमाण लवणशिखा का परिमाण अंगुल-प्रमाण तमस्काय अनंत-षटक ३०६-३०८ ३०८-३०९ ३०९-३१० ३१०-३११ ३११-३१६ ३१६-३१८ ३१९-३२१ ३२१-३२२ ३२२ ३२३-३४० ३४०-३४२ ३४२-३४३ ३४४-३४६ ३४६ ३४६-३४७ ३४६-३४७ ३४७ ३४८ ३४८ ३४८ ३४९ ३४९-३५४ ३५४-३५५ ३५५ ३५६ ३५६ ३५६-३५७ ३५७-३६३ ३६४-३६७ ३६७ २४९. २५०. २५१. २५२. २५३. २५४. २५५. २५६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 522