Book Title: Pravachana Saroddhar Part 2
Author(s): Hemprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 11
________________ ४ द्वार- संख्या विषय लेश्या अवधिज्ञान उत्पत्ति-विरह उद्वर्तना- विरह जन्म-मरण-संख्या १९७. १९८. १९९. २००. २०१. २०२. २०३. २०४. सिद्धिगति अन्तर २०५. आहार- उच्छ्वास २०६. पाखण्डी ३६३ २०७. २०८. २०९. २१०. २११. गति आगति प्रमाद चक्रवर्ती बलदेव वासुदेव प्रतिवासुदेव चौदह रत्न नवनिधि जीवसंख्या २१२. २१३. २१४. २१५. २१६. २१७. २१८. २१९. २२०. २२१. भावषट्क २२२. जीव-भेद २२३. २२४. २२५. २२६. अष्ट कर्म उत्तर- प्रकृति बंधादि स्वरूप कर्मस्थिति कृ पापप्रकृति Jain Education International अजीव-भेद गुणस्थान मार्गणास्थान उपयोग विषयानुक्रम For Private & Personal Use Only पृष्ठांक २०७ - २०८ २०८-२११ २१२-२१३ २१४ २१४ - २१५ २१५ २१६-२१७ २१७ २१८-२२२ २२२-२३३ २३३-२३४ २३४ २३४ २३५ २३५ २३५-२३९ २३९-२४३ २४३-२५० २५० - २५१ २५१-२७४ २७४-२७८ २७८-२८० २८१ २८२-२८३ २८३ - २९० २९० २९१ २९१-२९२ २९२-३०४ ३०४-३०५ ३०५-३०६ www.jainelibrary.org

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