Book Title: Pramapramey
Author(s): Bhavsen Traivaidya, Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Gulabchand Hirachand Doshi

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Page 8
________________ विषयसूची General Editorial i-ii ११. परोक्ष प्रमाण के भेद Introduction iii-iV १२. स्मृति प्रस्तावना (२)-(६) १३. प्रत्यभिज्ञान १. प्रारम्भिक १४. ऊहापोह २. ग्रन्थकार १५. तर्क ३. प्रस्तुत ग्रन्थ का नाम १६. अनुमान ४. विश्वतत्त्वप्रकाश तथा प्रमाप्रमेय १७. पक्ष ५. प्रमाप्रमेय तथा कथाविचार १८. साध्य ६. संपादनसामग्री १९. हेतु ७. प्रमुख विषय २०. दृष्टान्त ८. कुछ प्रमुख विशेषताएं २१. उपनय-निगमन ९. उपसंहार २२. हेतु पक्ष का धर्म होता है १६ मूल ग्रन्थ तथा अनुवाद २३. पक्षधर्म हेतु व्याप्तिमान होता है१८ १. मंगलाचरण १ २४. अपक्षधर्म हेतु नही होता १९ २. प्रमाण का लक्षण १ २५. हेतु के लक्षण का समारोप २० ३. प्रत्यक्ष प्रमाण के भेद २ २६. अन्वयव्यतिरेकी अनुमान २१ ४. इन्द्रिय प्रत्यक्ष २ २७. केवलान्वयी अनुमान २२ ५. मानस प्रत्यक्ष ३ २८. केवलव्यतिरेकी अनुमान २३ ६. अवग्रह आदि ज्ञान ४ २९. अनुमान के तीन मेद २५ ७. योगिप्रत्यक्ष-अवधिज्ञान ४ ३०. अनुमानाभास ८. मनःपर्याय ज्ञान ६ ३१. असिद्ध के भेद ९. स्वसंबेदन प्रत्यक्ष ६ ३२. सपक्ष के होते हुए विरुद्ध १०. प्रत्यक्षाभास ६ के भेद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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