Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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कालंतरे
सालंकारा समणगुणगणालंकिओ
कन्नापाणिग्गहणत्थमन्नोन्नं - 5 असच्चमुत्तरं
केणावि
=5 सावमाणं
कुरुचंदाभिहाणेण ____ = 6 ससुराईण
पाठ 12 = किमेवं
ससुरगेहवासीणं चउजामायराणं कहा धम्माभिमुहो
पैरा संख्या नन्ना
परिणाविआओ समयधम्मोवएसपराए
समागया संसारासारदसणेण
गुडमीसिअमन्नं सव्वण्णुधम्माराहगो
पुणावि पाठ 11 = कस्सेसा भज्जा कस्सेसा
उयरग्गिदीवणेण = शीर्षक पैरा संख्या
आत्थरणाभावे गंगाभिहाणा
= 1
तुरंगमपिट्ठच्छाइआवर
णवत्थं सीलाइगुणालंकिया
गिहावासे तत्थेव एगमन्नपिंडं
पाठ 13 = कुम्मे कत्थवि
निरुव्विग्गाई
= 2 अणेगदेवयापूयादाणमंतजवाई
आमिसहारा अहमवि
चिरत्थमियंसि जीवावेमि
तस्सेव
___ = 4 (12) प्राकृतव्याकरण : सन्धि-समास-कारक -तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय
पैरा संख्या
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