Book Title: Prakrit Vyakarana Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 94
________________ बिना ससुर के द्वारा भीत पर लिखी हुई सूक्ति पढ़कर विचार किया गया । १८. संसार में मूल्य के भोजन कहाँ है ? १९. जिनशासन में राम कथा किस प्रकार कही गयी है, बताओ । २०. यदि तुम्हारा मन चंचल है, तो उसे रोको । २१. तुम गुरु के पास शिक्षा ग्रहण करो । २२. मैं प्रतिदिन ध्यान करती हूँ । २३. तुम अपनी शक्ति के अनुसार परिश्रम करो । २४. इन्द्र ने तीन बार प्रदक्षिणा की । २५. बच्चा सोने के लिए रोता है । २६. दोनों भाई आपस में झगड़ते हैं । २७. मेरी बहिन माता के साथ जाकर पुस्तकें खरीदती है । २८. ज्ञान के बिना मनुष्य पशु के समान होता है । २९. मैं निश्चय ही तुम्हारे घर आऊँगा । ३०. सदा प्रसन्न रहो । प्राकृतव्याकरण: सन्धि-समास-कारक - तद्धित- स्त्रीप्रत्यय - अव्यय Jain Education International For Private & Personal Use Only (85) www.jainelibrary.orgPage Navigation
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