Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 31
________________ समास प्रयोग के उदाहरण [प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ] कम्मवसा = 4 = 5 पाठ 1 = मंगलाचरण पंचणमोकारो केवलिपण्णत्तो लोगुत्तमा पोखरिणीपलासं मुत्तिसुहं जीवदया - 17 == 20 आराहणणायगे सरणमुत्तमं = 37 पाठ 3 = उत्तराध्ययन अणुवमसोक्खा णिट्ठियकज्जा पणट्ठसंसारा दिट्ठसयलत्थसारा पंचमहव्वयतुंगा ववगयराया पंचक्खरनिप्पण्णो भत्तिजुत्तो सुहोइयं मगहाहिवो पभूयधणसंचओ अच्छिवेयणा सत्थकुसला पाठ 4 = वज्जालग्ग में जीवन मूल्य गाथा सुयणसहावो पाहाणरेहा = 13 सरणागए दिणयरवासराण थिरारंभा पवयणसारं __ = 14 गाथा - 14 पाठ 2 = समणसुत्तं इंदिअविसएसु मोहाउरा = 1 24 = 2 = 46 (22) प्राकृतव्याकरण : सन्धि-समास-कारक -तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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