Book Title: Prakrit Vyakarana Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 33
________________ = 2 पाठ 12 = ससुरगेहवासीणं चउजामायराणं कहा -- 2 ससुरगेहे धम्मोवएसो हिययगयभावं वीसवासेसु बारसवासा असच्चमुत्तरं = 7 मरणसमयस्स घयजुत्तो तिलतेल्लजुत्तं विविहकीलाओ भोयणरसलुद्धा पाठ 13 = कुम्मे पावसियालगा आयरियउवज्झायाणं पाठ 14 = चिट्ठी बारहंगाणं पैरा धम्महीणमणुसस्स माणवभवो = 11 धम्मपत्तीए पंचवासा पाठ 11 = कस्सेसा भज्जा विज्जा-दाणं = 4 जणय-जणणीभाया-माउलेहिं सिद्धविजा विंसदि-सुत्ताणि ___3 अमयरसकुप्पयं गंगामज्झम्मि = 6 (24) प्राकृतव्याकरण: सन्धि-समास-कारक-तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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