Book Title: Prakrit Vyakarana Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 65
________________ ज + इत्तिअ = जित्तिअ (वि.) (जितना) त + इत्तिअ = तित्तिअ (वि.) (उतना) एत + इत्तिअ = इत्तिअ (वि.) (इतना) (इसमें एत का लोप हुआ है।) 8.1 एत्तिअ, एत्तिल, एद्दह प्रत्यय : (हेम - 2/157) क, ज, त, एत में परिमाणार्थक प्रत्यय एत्तिअ, एत्तिल, एद्दह जोड़े जाते हैं। जैसे - + + + 555 + + J7/84) J1/84) क + एत्तिअ = केत्तिअ (वि.) (कितना) केत्तिअ > कित्तिअन क + एत्तिल = केत्तिल (वि.) (कितना) केत्तिल > कित्तिल क + एग्रह = केद्दह (वि.) (कितना) केद्दह > किदह 47 ज + एत्तिअ = जेत्तिअ (वि.) (जितना) जेत्तिअ > जित्तिअ - (हेमज + एत्तिल = जेत्तिल (वि.) (जितना) जेत्तिल > जित्तिल । ज + एद्दह - जेद्दह (वि.) (जितना) जेद्दह > जिद्दह त + एत्तिअ = तेत्तिअ (वि.) (उतना) तेत्तिअ > तित्तिअ 7 त + एत्तिल - तेत्तिल (वि.) (उतना) तेत्तिल > तित्तिल (हेमत + एद्दह = तेद्दह (वि.) (उतना) तेद्दह > तिद्दह एतः + एत्तिअ = एत्तिअ (वि.) (इतना), एत + एत्तिल - एत्तिल (वि.) (इतना) | [एत का लोप हो जाता है।] एत + एद्दह = एद्दह (वि.) (इतना) । 9. आल, इल्ल, उल्ल, आल, वन्त, मन्त, इत्त, इर, मण प्रत्यय : (हेम-2/159) वाला अर्थ बतलाने के लिए उपर्युक्त प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे - (क) दया + आलु = दयालु (वि.) (दयावाला, दयावान) नेह + आलु - नेहालु (वि.) (स्नेहवाला, स्नेहवान) (ख) सोहा + इल्ल = सोहिल्ल (वि.) (शोभावाला, शोभावान) छाआ + इल्ल = छाइल्ल (वि.) (छायावाला, छायावान) (56) प्राकतव्याकरण : सन्धि-समास-कारक-तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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