Book Title: Parshwanath ka Chaturyam Dharm
Author(s): Dharmanand Kosambi, Shripad Joshi
Publisher: Dharmanand Smarak Trust

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Page 9
________________ विषय-सूची १- सच्चा समाज धर्म - ( काका कालेलकर) २-प्रस्तावना ३–त्रिषष्ठि शलाका पुरुष (तीर्थंकरोंकी ऊँचाई और आयुष्य, बुद्धोंके साथ तुलना) ४-पार्श्वनाथकी कथा (धर्मोपदेश, पार्श्वनाथके शासन-देवता, पार्श्वनाथका निर्वाण, दिगम्बरोंका मतभेद, कथामें इतिहासका अभाव, क्या पार्श्वनाथ ऐतिहासिक नहीं थे ?) ५-१६ चातुर्याम धर्मका उद्गम और प्रचार ( पार्श्वके धर्ममें महावीर और मक्खलि गोसाल, मक्खलि गोसाल नामका विपर्यास, आजीवक मतका विपर्यास) १७-२६ ६-चातुर्यास धर्मका बुद्धद्वारा विकास २७-३२ ७-योगसूत्रमें याम ८-बौद्ध और जैन धर्मका प्रसार ९-बौद्ध और जैन श्रमणोंका ह्रास ( कालक कथा, बप्पभट्टि कथा, हेमचन्द्रसूरि, इन चरित्रोंका निष्कर्ष ) ३४-४६ १०-जैन उपासक (आनन्द, कामदेव, चुलणी पिता, सुरादेव, चुल्लशतक, कुण्डकोलिक, शब्दालपुत्र, महाशतक, नन्दिनीपिता, सालिहीपिता) ४७-५७ ११- श्रमणोंका आधार धनिक-वर्ग ५७-६४ १२-बाइबिलकी दस परमेश्वरी आज्ञाएँ (मूसाका पूर्वचरित्र, यहो वाका स्वभाव, ' हत्या मत करो' आदि आज्ञाओंका अर्थ, यहोवा और दूसरे देवता, ईसा मसीहका यहोवा, सेंट पालका प्रचार, कान्स्टंटीन बादशाहका ईसाई धर्मको प्रश्रय ) ६५-७८

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