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लियम्सार- प्राभतम्
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निर्वाणं तादृशं लोकाग्रं प्राप्नोति सिद्धपरमात्मा सर्वत्र एवमेव सम्बन्ध कर्तव्यः । पुमः किं ? परमं कम्मटु वज्जियं सुद्धं परमं सर्वोत्कृष्टं कर्माष्टकविनिर्मुक्तं शुद्धं निर्वाण यत्र तल्लोकाग्रं प्राप्नोति । ततः किं ? णाणाइचउसहावं अक्खयमविणा समच्छेयं-ज्ञानदर्शन सुखवीर्याश्चत्वारः स्वभावगुणाः यत्र तत् कल्पान्तकालेऽपि क्षयरहितमक्षयं विनाशरहितमविनाशं छेतुमयोग्यम् अच्छे सत् निर्वाणं लोकाग्रं प्राप्नोति । पुनः किंभूतम् ? अब्याबाहमण दियमणोवमं - सर्वबाधाविरहितमव्याबाधम् इंद्रियातीतमनिन्द्रियम्, उपमारहितमनुपमम् । पुनश्च कथंभूतम् ? पुण्णपावणिम्मुक्कं - साताविशुभप्रकृतिबंधोदयैश्च निर्मुक्तं यत्र तल्लोकाग्रं निर्वाणस्थानम् । पुनरपि कीदृशम् ? पुनरागमण विरहिये - पुनः तत्रत्यात् आगमनरहितं पुनरागमनविरहितम् । पुनश्च कीदृशम् ? णिच्चं अचलं अणालंबं - नित्यमनन्तानन्तकालावस्थायिरूपं चलाचलाभावावचलं परद्रव्याचालंबनशून्यं वातवलयाच्चालम्बन रहितमप्येतादृशं निर्वाणं यत्र तल्लोकाग्रं प्राप्नोति ।
तद्यथा - अनन्तचतुष्टयान्तरं गलक्ष्म्याः समवसरणादिदेवागमनन भोयानचाम राबिविभूतिस्वरूपबहिरङ्गलक्ष्म्याश्च स्वामिनोऽर्हन्तो भगवन्तः सकलपरमात्मानो सिद्धात्मा प्राप्त कर लेते हैं । ऐसा ही सम्बन्ध इन दोनों गाथाओं के अर्थ में सर्वत्र कर लेना चाहिये । पुनः वह निर्वाण कैसा है ? परम-सर्वोत्कृष्ट है, आठों कर्मों से रहित है, शुद्ध है, ऐसा निर्वाण जहाँ है उस लोकाग्र को ये प्राप्त कर लेते हैं । पुनः ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य ये चार स्वभावगुण वहाँ हैं, कल्पांत काल में भी क्षय से रहित वह अक्षय स्थान है, अविनाशी है, छेदन के योग्य न हो सकने से अच्छे है। सर्वबाधा से रहित अव्याबाध है, इन्द्रियों से रहित अतीन्द्रिय है, उपमा से रहित होने से अनुपम है, वह निर्वाण साता आदि शुभ प्रकृतियों के बंध - उदय से रहित है और असाता आदि पाप प्रकृतियों के बंध- उदय से रहित है । वहाँ पहुंच जाने के बाद किन्हीं का भी पुनः वहाँ से आगमन नहीं होता है, अतः पुनरागमन से रहित है । अनंत अनंत काल तक अवस्थायी रूप होने से नित्य है । चलाचल के अभाव से अचल है । परद्रव्य के वातवलय आदि के भी आलंबन से रहित होने से अनालम्ब है । जहाँ ऐसा निर्वाण है, ऐसे लोकांत को प्राप्त कर लेते हैं ।
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उसे ही कहते हैं --- अनंतचतुष्टयरूप अंतरंग लक्ष्मी के और समवसरण आदि देवों का आगमन आकाश में गमन, चंवर दुरना आदि बहिरंग लक्ष्मी के
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