Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 351
________________ तृतीयं परिशिष्टम् / मेद--मेदा मणिच्छिद्रा मधुरा शालपर्णी [ शालिपर्णी पु० शल्यपर्णी नि० ] / महामेदा--मेदविशेष महामेदा वसुच्छिद्रा देवमणि वसु 291 / 'चिणउठी--गुजा कृष्णला काकचिञ्चिका [ काकबिम्बिका पु० ] काकनिन्दिका [ काकणि न्दिका पु. नि. ] काकादनी काकनखी रक्तिका काकनन्तिका 292 काकपीलु चक्रशल्या दुर्मेषा ताम्रिका उच्चटा चूडामणि द्रुमोद्घा [ द्रुमौघा नि० अमोघा पु० ] शीतपाकी [ शतपाकी पु० नि० ] शिखण्डिनी 293 / पाठ--पाठा श्रेयसी पापचेलिका [पापाचलिका पु० ] विद्धकर्णिका [ वृद्धकर्णिका नि० ] वृकतिक्ता वनतिक्ता [ वृक तिका वरतिक्ता नि० ] प्राचीमा स्थापनी [ स्थापिनी नि० स्थायिनी पु.] वृकी 294 एकाष्ठीला रसा अम्बष्ठा [ त्वष्टा पु० ] अम्ब ष्ठकी वृकदन्तिका / शतावरी--शतावरी बहुसुता पोवरी इन्दोवरी वरी 295 शतमूली [ शतमूला नि० ] शतपदी शतवीर्या मधुस्रवा नारायणी द्वीपिशत्रु द्वीपिका अभीरुपत्रिका [भीरुपत्रिका पु० ] 296 महापुरुषदत्ता [ महापरुषदन्ता पु०] ऊर्ध्वकण्टका वरकण्टका सहस्रवीर्या तुङ्गिनी अभीरुः [ अभीरु पु० ] संवरणी 297 / / कडू--कटुका मत्स्यपित्ता रोहिणी कुटुरोहिणी अशोकरोहिणी [ शोकरोहिणो टी० ] कृष्णभेदा तिलकरोहिणी 298 कटंवरा [कटम्भरा पु. नि. ] काण्डरुहा रास्ना तिक्तक रोहिणी तिक्ता अरिष्टा कटु मत्स्या चक्राङ्गी शकुलादनी 299 / कउंछि--कपिकच्छ् आत्मगुप्ता कण्डुरा दुरभिग्रहा [ दुरतिग्रहा पु० ] अजहा मर्कटी व्यण्डा [स्यण्डा पु० ] कच्छुरा कपिकच्छुरा 300 ऋष्यप्रोक्ता शुकशिम्बि [ शुकशिम्बी पु० नि० ] लाङ्गली प्रावृषायणी ऋषभी [ आर्षभी पु० आर्यभी नि० 1 वहिपर्याया कपिरोमा दुरालभा [ दुर्लभा पु.] 301 / 'मजीठि--मञ्जिष्ठा रक्तयष्टि समझा विकसा अरुणा भण्डीरी मजुका भण्डी [ चण्डी पु.] मजि [जिङ्गी पु० नि० ] योजनवल्लिका [ योजनवल्लो नि० ] 302 कालमेषी काल गोष्ठी मण्डूकपर्णिका [ माण्डूकपर्णिका पु० ] / "मिरी--मरिच मलिन कृष्ण वेल्लज धार्मपत्तन [ धर्मपत्तन पु० नि० ] 303 यवनेष्ट [ पव नेष्ट नि० यवनप्रिय टी• ] शिरोवृत्त ऊषण [शिरोवृन्त मूषण नि० ] कोलक / 'पीपलि--पिप्पली [ पिष्पली पु० ] चपला कृष्णा वैदेही मागधी यणा 304 शौण्डी श्यामा उषणा कोला उपकुल्या कृष्णतण्डुला [ कृष्णतन्दुला पु• नि० ] / 'पीपलीमूल--ग्रन्थिक सर्वग्रन्थिक चटकाशिरस् [ चटिकाशिरस् टि. ] 305 सुमूलक [ समू लक नि० ] कोलमूल कटुग्रन्धिक ओषण [ ऊषण नि० ] / १°चविक--चविका चव्य चवन कोलवल्ली [कालवल्ली नि०] 306 / / 1. चणोठी / / 2, काळीपाट // 3. शतावरी // 4. कडू / / 5. (1) कवच (2) कुवच // 6. मजीठ // 7. मरी / / 8. (1) पीपर (2) लींडीपीपर // 9 पीपरीमूळ / 10. चवक //

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