Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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________________ हैमनिघण्टुटीकोद्धृतानामवतरणानां धन्वन्तरीयनिघण्टुना तुलना। 361 निघण्टुशेषटीका - धन्वन्तरीयनिघण्टु खर्जूरी तु खरस्कन्धा कषाया मधुराऽग्रजा। खजूरी तु खरस्कन्धा कषाया मधुराग्रजा' / दुष्प्रधर्षा दुरारोहा निःश्रेणिः स्वादुमस्तका // दुष्प्रधर्षा दुरारोहा निःश्रेणी स्वादुमस्तका // पत्र. 98 वर्ग 5 लो०५३ पत्र 178 तालो ध्वजद्रुमः प्रांशुर्दीर्घस्कन्धो दुरारुहः / तालो ध्वजद्रुमः प्रांशुर्दीर्घस्कन्धो दुरारुहः / तृणराजो दीर्घतरुर्लेख्यपत्रो द्रुमेश्वरः // तृणराजो दीर्घतरुर्लेख्यपत्रो द्रुमेश्वरः // पत्र. 99 वर्ग 5 लो०६८ पत्र 182 नालिकेरो रसफलः सतुङ्गः कूर्चकेसरः / नारिकेलो रसफलः 'सुतुङ्गः कूर्चशेखरः / लतावृक्षो दृढफलो लागली दाक्षिणात्यकः // तालवृक्षो दृढफलो लाङ्गली दाक्षिणात्यकः // वर्ग 5 लो०७४ पत्र. 183 पत्र. 100 स्यात् पूगफलमुद्वेगं स्रंसि घोण्टाफलं स्मृतम् / स्यात् पूगफलमुद्वेगं संसि घोण्टाफलं मतम् / / चिक्कणं चिक्कणा चिक्का गुर्वाकः चिक्कणं वल्कलं चिक्कं गवां मदकरंच तत् // खपुरं च तत् // पत्र. 101 वर्ग 3 लो०३९ पत्र. 103 सिन्दुवारः श्वेतपुष्पः सिन्दुकः सिन्दुवारिका। सिन्दुवारः श्वेतपुष्पः 'सिन्दुकः सिन्दुवारकः। नीलपुष्पः शोतसहो निर्गुण्डी नीलमिन्दुकः // नीलपुष्पः शीतसहो निर्गुण्डी "नील सिन्दुका।। पत्र. 103 वर्ग 4 श्लो०८१ पत्र. 150 शेफालिकाऽन्या निर्गुण्डी वनौका नीलमञ्जरी।। शेफालिकाऽन्या निर्गुण्डी वनजा नीलमञ्जरी / शुक्लाऽन्या श्वेतसुरसा भूतवेशी च कथ्यते // शुक्लाऽन्या श्वेतसुरसा भूतकेशी च कथ्यते / / पत्र. 104 वर्ग 4 लो० 83 पत्र. 150 प्रियङ्गुः प्रियवल्ली च फलिनी कङगुनी प्रिया / प्रियङगुः प्रियवल्ली च फलिनी कङगुनी प्रिया / वृत्ता गोवन्दनी श्यामा कारम्भा वर्णमेदिनी // वृत्ता गोवन्दनी श्यामा कारम्भा वर्णभेदिनी // पत्र. 105 वर्ग 3 लो०१६ पत्र. 97 मधुयष्टी च यष्टी च यष्टीमधु मधुनवा / मधुयष्टी च यष्टी च यष्टीमधु मधुस्रवा। यष्टीमधूकं मधुकं यष्टयाडं मधुयष्टिका // यष्टीक मधुकं चैव यष्ट्याह्व मधुयष्टिका // तल्लक्षणं क्लीतनं च क्लीतकं क्लीतका च सा। तल्लक्षणं क्लीतनकंक्लीतनं क्लीतिका च सा। स्थलजा जल जाऽन्या च मधुपर्णी मधूलिका / / स्थलजा जल जाऽन्या तु मधुपर्णी मधूलिका // पत्र. 106 वर्ग 1 लो०१४२,१४४ पत्र. 33,34 अश्वगन्धा वाजिगन्धा कुम्भकोऽश्वावरोहकः / अश्वगन्धा वाजिगन्धा कञ्चकाऽश्वावरोहकः / वराहकर्णी तुरगी बल्या वाजीकरी मता / / वाराहकर्णी तुरगी बल्या वाजिकरी स्मृता / पत्र. 106 वर्ग 1 लो०२७२ पत्र. 62 अजशृङ्गी मेषशृङ्गी सर्पदंष्ट्रा च वर्तिका / अजशृङ्गी मेषशृङ्गी सर्पदंष्ट्रा च वर्तिका / द्वित या दक्षिणावर्ता वृश्चिकाली विषाणिका // द्वितीया दक्षिणावर्ता वृश्चिकाली विषाणिका // पत्र. 107 वर्ग 1 लो०८७ पत्र. 23 1 रा रसा। दुक. ङ. // 2. सुगन्धः क. ङ. // 3. श्यावफलं ख. ग. झ. // 4. सिन्धुकः सिन्धुवा' क. ग. // 5. सीतसिन्धुका छ. // 6. मेदनी क. ख. ग. ङ. //

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