Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 402
________________ हैमनिघण्टुटीकोद्धृतानामवतरणानां धन्वतरीयनिघण्टुना तुलना। 365 निघण्टुशेषटीका धन्वन्तरीयनिघण्टु किराततिक्तको हैमः काण्डतिक्तः किरातकः / किराततिक्तको हैमः काण्डस्तिक्तः किरातकः / भूनिम्बोऽनार्यतिक्तश्च कैरातो रामसेनकः // भूनिम्बोऽनार्यतिक्तश्च किरातो रामसेनकः // कैडर्यः पिचुमन्दश्च निम्बो रिष्टो वरत्वचः।। कडयः पिचुमन्दश्च निम्बोऽरिष्टो वरत्वचः। छर्दनो हिङ्गनिर्यासः प्रियमालश्च पर्वतः // छर्दिघ्नो हिङ्गुनिर्यासः प्रियशालच पार्वतः // नेपालः कथितश्चान्यो जात्यश्चैष ज्वरान्तकः / नेपालः कथित चान्यो जातिभेदो ज्वरान्तकः / नाडीतिक्तोऽर्द्धतिक्तश्च निद्रारिः सन्निपातहा।। महातिक्तश्च तिक्तश्च निद्रारिः सन्निपातहा / / पत्र. 126 वर्ग 1 श्लो० 33-35 पत्र. 14 कुष्ठं रोगो गदो व्याधिरुत्पलं पाकलं रुजा / कुष्ठ रोगोऽगदो व्याधिरुत्पलं पाकलं रुजा। पत्र. 127 वर्ग 3 श्लो० 49 पत्र. 105 वालकं वारि तोयं च ह्रीबेरं जलमम्बु च / वालकं वारि तोयं च ह्रीबेरं जलमम्बु च / केशं वज्रमुदीच्यं च पिङ्गमाचमनं कचम् / / केश्यं वज्रमुदीच्यं च पिङ्गमाचमनं कचम् // पत्र. 127 वर्ग 1 लो० 47 पत्र. 16 शटी षटी पलाशः स्यात् ज्ञेया पृथुपलाशिका सटी सठी पलाशश्च ज्ञेया पृथुपलाशिका / सुगन्धमूला गन्धोली षड्ग्रन्था सुव्रता वधूः / / सुगन्धमूला गन्धाली षड्ग्रन्था सुव्रता वधूः॥ पत्र. 128 वर्ग 1 लो० 61 पत्र. 18 एलावालुकमालूकं वालुकं हरिवालुकम् / एलावालुकमालूकं वालुकं हरिवालुकम् / एल्वालकं कपित्थं च दुर्वर्ण प्रसरं दृढम् / / एल्वालुकं कपित्थं स्याद् दुर्वर्णं प्रसरं दृढम् // पत्र.१२८-१२९ वर्ग 3 लो०७६ पत्र. 111 कुङ्कुम रुधिरं रक्तमसृगस्रं च पीतकम् / कुङ्कम रुधिरं रक्तमसृगस्रं च पीतकम् / काश्मीरं चारु वाल्हीकं सङ्कोचं पिशुनं वरम् / / काश्मीरं चारु वाहीकं सङ्कोचं पिशुनं वरम् / पत्र.१२९ वर्ग 3 श्लो०१२ पत्र. 95 जाती मनोज्ञा सुमना राजपुत्री प्रियंवदा / जाती मनोज्ञा सुमना राजपुत्री प्रियंवदा / मालती हृद्यगन्धा च वेतिका तैलभाविनी // मालती हृद्यगन्धा च चेतिका "तैलभाविनी॥ पत्र.१३० वर्ग 5 लो० 137 पत्र. 198 जातीफलं जातिसस्य शालूकं मालतीफलम् / जातीफलं जातिसस्य शालूकं मालतीफलम् / मज्जासारं जातिसूतं पुटं सौमनस फलम् / / 'मदशौण्डं जातिशृङ्गं पुटं सौमनसं फलम् / - पत्र.१३० वर्ग 3 *लो०३५ पत्र. 102 यूथिका बालपुष्पी च पुण्यगन्धा गुणोज्ज्वला। यूथिका बालपुष्पा तु पुष्पगन्धा गुणोज्ज्वला / गणिका चारुमोटा च शिखण्डी / / गणिका चारुमोदा च शिखण्डो / पत्र. 131 वर्ग 5 श्लो० 148 पत्र. 200 स्वर्णयूथिका // ‘स्वर्णयूथिका यूथशालिनी ___ सुवर्णयूथा हरिणी पीतिका पीतयूथिका / पत्र.१३१ वर्ग 5 लो०१४८-९ पत्र. 200 1. श्व कैरातो ख. ग. ङ. // 2. कौण्डयः क. घ. ङ. च. // 3. लः पथिकश्चान्यो क. ख. घ. छ. च. // 4. त्थं च दुर्वर्ण क. ख. ङ. // 5. तिलभाविनी झ. // 6. पन्जासारं जा' ग. // 7. कणिका क. छ. // 8 स्वर्णपुष्पिका ड. // .

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