Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 411
________________ अष्टमं परिशिष्टम् / निघण्टुशेषटीका धन्वन्तरीयनिघण्टु सुवर्चलाऽऽदित्यकान्ता सूर्यभक्ता सुखोद्भवा / सुवर्चलाऽऽदित्यकान्ता सूर्यभक्ता सुखोद्भवा / मण्डूकपर्णी मण्डूकी बदराऽऽदित्यवल्लयपि // मण्डूकपर्णी मण्डूकी वरदाऽऽदित्यवल्लयपि // पत्र. 187 वर्ग 4 लो०९८ पत्र. 153 भृङ्गराजो भृङ्गर जो मार्कयो भृङ्ग एव च / भृङ्गराजो भृङ्गरजो मार्कयो भृङ्ग एव च / अङ्गारको भेकरजो भृङ्गारः केशरजनः // भृङ्गारको भृङ्गरेणु ङ्गारः केशरजनः // पत्र. 188 वर्ग 4 श्लो० 11 पत्र. 136 कासमर्दोऽरिमर्दश्च कासारिः कर्कशस्तथा / कासमर्दोऽरिमर्दश्च कासारिः कर्कशस्तथा / कालं कनक इत्युक्तः स च स्यात् कासमर्दकः // कालः कनक इत्युक्तः स च स्यात् कासमर्दकः // पत्र. 188 वर्ग 4 लो०११८ पत्र. 157 जीवन्ती जीवनीया च जीवनी जीववर्धनी / जीवन्ती जीवनीया च जीवनी जीववर्धनी / मङ्गल्यनामधेया च शाकश्रेष्ठा यशस्करी // माल्यनामधेया च शाकश्रेष्ठा यशस्करी // पत्र. 189 वर्ग 1 श्लो०१४० पत्र. 33 क्षुद्राम्लिका तु चाङ्गेरी लोणिका चाम्ललोणिका / क्षुद्राम्लिका तु चाङ्गेरी लोणिका चाम्ललोणिका / लोला लोडा चतुष्पर्णी सैवदन्तशठा मता // लोला लोणा चतुष्पर्णी सैव दन्तशठा मता // पत्र. 190 वर्ग 5 श्लो० 36 पत्र. 175 तण्डुलीयक उद्दिष्टश्चण्डाला तण्डुलेरकः / तण्डुलीयक उदिष्टस्तण्डुलस्तण्डुलीयकः / गण्डीरस्तण्डली बीजो मेघनादो घनस्वनः / / भण्डीरस्तण्डुली बंजो मेघनादो घनस्वनः // पत्र. 190 वर्ग 4 *लो० 116 पत्र. 157 काकमाची ध्वाङ्क्षमाची काकसाह्वा च वायसी। काकमाची ध्वाङ्गमाची काकाहा चैव वायसी। कट्वी कटुफला चैव रसायनवरा स्मृता // कटवी कटुफटा चैव रसायनवरा स्मृता / / पत्र. 191 वर्ग 4 श्लो. 21 पत्र. 138 शितिवारः सूचिपत्रः शैल्या च सुनिषण्णकः।। शितिवारः सूचिपत्रः सूच्याह्वः सुनिषण्णकः / श्रीवासकः शितिवरः स्वस्तिकः कटुकः शिखी॥ श्रीवारकः शितिवरः स्वस्तिकः कुक्कुटः शिखी। पत्र. 191 वर्ग 1 श्लो०१५५ पत्र. 36 मूलक हरिपर्ण च बस्तिका क्षारमेव च / मूलकं हरिपणं च मृत्तिका क्षारमेव च / नीलकन्द महाकन्दं रुचिष्यं हस्तिदन्तकम् // नीलकन्दं महाकन्दं रुचिष्यं हस्तिदन्तकम् / पत्र. 192 वर्ग 4 लो०३३ पत्र 140 चाणक्यमूलकं चन्यं वालेयं मरुसम्भवम् / चाणाख्यमूलकं चान्यच्छालेयं महसम्भवम् / शालामर्कटमिश्रं च विष्णुगुप्तमनन्तकम् // शालामर्कटकं मिश्रं विष्णुर्गुप्तं मतं तथा // पत्र. 192 वर्ग 4 लो०३५ पत्र. 141 १°दित्यपर्ण्यपि क. ङ. // 2 .कालकण्टक ई त. // 3. ल्यमागधेया च क. ङ. च. // 4. लोटिका क. ङ, लोडिका झ. त. // 5. रोचिष्यं ण. // 6. गुप्तं मलं तथा छ; गुप्तसमं तथा ग. /

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