Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 405
________________ अष्टपरिशिष्टम् निघण्टुशेषटीका धन्वन्तरीयनिघण्टु हिगु रामठमत्युग्रं जन्तुध्नं भूतनाशनम् / हिङ्गु रामठमत्युग्रं जन्तुघ्न' भूतनाशनम् / अगूढगन्धं वाल्हीकं जरणं सूपधूपनम् // अगूढगन्धं वाह्लीकं जरणं सूपधूपनम् // पत्र. 145 वर्ग 2 श्लो०३६ पत्र. 75 हिगुपत्री तु कारवी पृथ्वीका पृथुका पृथुः।। हिडपत्री तु कबरी पृथ्वी का पृथुला पृथुः / बापिका दीपिका तन्वी बिल्विका दारुपत्रिका।। बाष्पिका दीर्घिका तन्वी बिल्विका दारुपत्रिका // नाडी हिङगुपलाशा च जतका रामठी रसा। नाडी हिङ्गपलाशा तु जन्तुका रामठी च सा। वंशपत्री वेणुपत्री पिण्डा हिङगु शिवाटिका // वंशपत्री वेणुपत्री पिण्डहिङ्गु शिवाटिका // पत्र. 146 वर्ग 2 श्लो० 38, 40 पत्र. 77 काकजङ्घा ध्वाङ्क अङ्घा मदध्वाक्षासुलोमशा काकजङ्घा धाङ्क्ष जङ्घा काकपादा तु लोमशा। पारापतपदी दासी नदीकान्ता प्रचीबला // पारावतपदी दासी नदीकान्ता प्रचीबला // पत्र. 146 वर्ग 4 लो० 23 पत्र. 138 काकनासा ध्वाङ्कनासा काकतुण्डफला च सा / काकनासा ध्वाङ्कनासा काकतुण्डफला च सा / सुरङ्गा तस्करा स्नायुध्र्वार्धातुण्डफला मता // सुरङ्गी तस्करस्नायुङ्क्षितुण्डफला मता // पत्र. 147 वर्ग 4 श्लो० 25 पत्र. 139 पाषाणभेदकोऽश्मनः शिलाभेदोऽश्मभेदकः / पाषाणभेदकोऽश्मनः शिलाभेदोऽश्मभेदकः / स चैवोपलभेदश्च नगविध्वंसकोऽश्मभित्॥ स चैवोपलभेदश्च नगभिद दृषदश्मजित् // पत्र. 147 वर्ग 1 श्लो. 157 पत्र. 36 हयुषा वपुषा विस्रा विस्रगन्धा विगन्धिका। हपुषा विपुषा विश्रा विथगन्धाऽतिगन्धिका / पत्र. 147 वर्ग 2 श्लो० 9 पत्र. 70 अन्याऽश्वत्थफला(?)कच्छूनी ध्वाक्षनासिका। अपरा चाश्वत्थफला कच्छूमा ध्वाह्ननाशिनी // पत्र. 148 वर्ग 2 "लो. 9 पत्र. 70 शणपुष्पी वृहत्पुष्पी स चोक्तः शणघण्टकः। "शणपुष्पी बृहत्पुष्पी सा चोक्ता शणघण्टिका महाशणो माल्यपुष्पी वामनी कटुतिक्तका / महाशंणो माल्यपुष्पी वमनी कटुतिक्तका // पत्र. 148 ___ वर्ग१ *ला०२०० पत्र. 47 शालपर्णी स्थिरा सौम्या त्रिपर्ण्यतिगुहा ध्रुवा / शालिपर्णी स्थिरा सौम्या त्रिपर्ण्यतिगुहा ध्रुवा / / विदारिगन्धांशुमती दीर्घमूला च पीतनी // विदारिगन्धांशुमती दीर्घमूला सुपत्रिका / सर्वानुकारिणी तन्वी दीर्घ पर्णी च पर्णिका // सर्वानुकारिणी तन्वी दीर्घपर्णी च पर्णिका // पत्र. 149 वर्ग 1 श्लो०८७,८८,९१ पत्र. 3 भार्गी गर्दभशाकश्च पद्मा ब्राह्मणयष्टिका / __ भार्गी गर्दभशाकं च पद्मा ब्राह्मणयष्टिका / अङ्गारवल्ली हञ्जीच वर्दो बर्बरकस्तथा / अङ्गारवल्ली फजीच सैव ब्रह्मसुवर्चसा॥ शुक्रमाता च कासनी भृगुजा भार्गवपणिनी। शक्रमाता च कासघ्नी भृङ्गजा भार्गवा"मता। पत्र. 150 वर्ग 1 श्लो०६८,६९ पत्र. 20 1. °घ्नं शूलनाशनम् / क ङ. // 2. शाख्योज क. ख. घ. छ. // 3. विश्वा मिश्रगन्धा छ. / / 4. कच्छुनी रु. / 5. पणपुष्पी क. ङ. च. // 6. क्ता षण क. // 7. शनो मा क. भ. // 8. फाजी झ. // 9. अीय वर्ची बर्बरकस्तथा ॥६॥श क. छ. च. // 10. शुकमाता झ. // 11. वाग्रणीः / झ //

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