Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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________________ हैमनिघण्टुटीकोद्धृतानामवतरणानां धन्वन्तरीयनिघण्टुना तुलना। 369 निघण्टुशेषटीका धन्वन्तरीयनिघण्टु यवतिक्ता शङ्खिनी च दृढपादा विसर्पणी। यवतिक्ता शङ्खनी तु दृढपादा विसर्पिणी / नाकुली चाक्षिपिण्डा च चित्रमाला यशस्करी॥ नाकुली चाक्षपीडा च नेत्रमीला यशस्करी / / पत्र. 151 वर्ग 1 ला० 256 पत्र. 59 तेजस्विनी तेजवती तेजोह्वा तेजनी तिजा। तेजस्विनी तेजवती 'तेजोबा तेजनीति च / अश्वघ्नी वल्कला शीता पारिजाता महौजसी।। अश्वघ्नी वल्कला शीता पारिजाता महौजसी / / पत्र. 151 वर्ग 1 ला० 266 पत्र. 61 मिस्रया तालकर्णी च तालपणी मिसिस्तथा / मिश्रेया तालपर्णी त तालपत्री मिशिस्तथा। शालेयः स च शालीनो नाम्ना शीत शिवो मतः / / शालेयः स च शालीनो नाम्ना शीतशिवो मतः // पत्र. 152 वर्ग 2 ले० 4 पत्र. 69 तालीसकं तु तालीसं पत्रं तालीसपत्रकम् / तालीसकं तु तालीसं पत्रं तालीसपत्रकम् / तद्वदामलकीपत्रं पत्राढ्यं च सुखादनम् // नीलमामलकीपत्रं पत्राढ्यं च पत्र. 153 वर्ग 2 लो. 53 पत्र. 80 मांसी कृष्णजटा हिंस्रा नलदा जटिलाऽऽमिषी। मांसी कृष्णजटा हिंस्रा नलदा जटिला मिशी। जटा च पिशिता मेषी कव्यादी च तपस्विनी॥ जटा च पिशिता पेशी क्रव्यादी च तपस्विनी / / पत्र. 153 वर्ग 3 श्लो. 45 पत्र. 104 द्वितीया गन्धमांसी च केशी भूत जटा स्मृता। द्वितीया गन्धमांसी स्यात् केशी भूतजटा स्मृता / पैशाची पूतना केशी भूतकेशी सुलोमशा // पिशाची पूतना केशी भूतकेशी च लोमशा // पत्र. 154 वर्ग 3 ला० 47 पत्र. 105 मुरा गन्धवती दैत्या गन्धाच्या गन्धमादनी। मुरा गन्धवती दैत्या गन्धाढ्या गन्धमालिनी। सुरभिर्भूरिगन्धा च कुटी गन्धकुटी स्मृता // सुरभिभूरिगन्धा च कुटी गन्धकुटी स्मृता // पत्र. 154 वर्ग 3 श्लो०६७ पत्र. 109 प्रपौण्डरीकं चक्षुष्यं पौण्डयं पुण्डरीयकम्।. प्रपौण्डरीकं चक्षुष्यं पुण्डर्यः पुण्डरीयकम् पौण्डरीकं शतपुष्पं सुपुष्पं सानुमानकम्॥ सितपुष्पं सुपुष्पं स्याच्छीपुष्पं सानुजापत्र. 155 नुजम् // जन्तुवारा जन्तुकृष्णा जतुका रजनी स्मृता / वर्ग 3 लो०९२ पत्र. 114 जननी चैव संस्पर्शा जतुका चक्रवर्तनी // जन्तुकारी जन्तुकृष्णा जतुका रजनी स्मृता। पत्र. 155 जननी चैव संहर्षा जन्तुका चक्रवर्तिनी // मांसरोहिण्यतिरुहा वृन्ता चर्मकशा कशा / वर्ग 4 श्लो. 88 पत्र. 151 विकसा मांसरोहा च रुहा रक्ता प्रकीर्तिता। मांसरोहिण्यतिरुहा वृत्ता चर्म कसा च सा। पत्र. 156 विकसा मांसरोहा च रुहा रक्ता प्रकीर्तिता // रक्तपादी शमीपत्रा समाङ्गाऽञ्जलिकारिका। वर्ग 4 श्लो. 94 पत्र.. 152 नमस्कारी गण्डकाली नाम्ना (१रास्ना) * रक्तपादी शमीपत्रा समङ्गाऽजलिकारिका / खदिरिका मता // नमस्कारी गन्धकारी स्पर्शसंकोचपर्णिका पत्र. 156 वर्ग 4 श्लो० 109 पत्र. 155 1. तेजोका ग // 2. अस्वप्ना ख // 3. शीतपुष्पं झ. // 4. कषा च ग; कशा च त. //

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