Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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________________ हैमनिघण्टुटीकोद्धृतानामवतरणानां धन्वन्तरीयनिघण्टुना तुलना। 357 निघण्टुशेषटीका धनवन्तरीयनिघण्टु आम्रचूतो रसाल च स चेष्टो मदिरा सखः। आम्रचूतो रसालश्च कीरेष्टो मदिरासेखः / कामाङ्गः सहकारश्च परपुष्टमदोत्सवः // कामाङ्गः सहकारश्च परपुष्टो 'मदोद्भवः // पत्र. 68 वर्ग 5 श्लो०१ पत्र 169 क्षुद्राम्र उक्तकोशश्च लाक्षावृक्षः सुरक्तकः। 'क्षुद्राम्रः स्यात् कृमितरुाक्षावृक्षो जतुद्रमः जतुवृक्षो घनस्कन्धः कृमिवृक्षःसुकोशकः॥ सुकोशको घनस्कन्धः कोशाम्रश्च सुरक्तकः॥ राजाम्रातक आम्लातोमन्मथोद्भवनस्तथा। राजाम्र उक्त आम्रान्तो मन्मथोद्भवनस्तथा / टङ्को नीलकपित्थोऽन्यो राजपुत्रो नृपात्मजः // टको नीलकपित्थोऽन्यो राजपुत्रो नृपात्मजः // पत्र 69 वर्ग 5 श्लो० 9, 11 पत्र 170 मदनः शल्यको राठः पिण्डी पिण्डीतकः फलः / मदनः शल्यको राटः पिण्डी पिण्डीतकः फलः / तस्करः करहाटश्च छर्दनो विषपुष्पकः // ४तगरः करहाटश्च छर्दनो 'विषपुष्पकः / / पत्र. 71 वर्ग 1 श्लो०१६८ पत्र. 39 नादेयो मेघपुष्पोऽन्यस्तोयकामो निकुञ्जकः / / नादेयी मेघपुष्पोऽन्यो जलकामो निकुञ्जकः / जलौकाः संवृतोऽम्भोजो निचुलो जलवेतसः जलौकः संवृतश्चैव 'विदुलो जलवेतसः // पत्र. 73 वर्ग 5 श्लो०११७ पत्र. 193 वरुणः श्वेतपुष्पश्च तिक्तशाकः कुमारकः / वरुणः श्वेतपुष्पश्च तिक्तशाकः कुमारकः / सेतुद्रुमः शीधुवृक्षस्तमालो मारुतापहः / श्वेतद्रुमो गन्धवृक्षस्तमालो मारुतापहः // पत्र. 74 वर्ग 5 श्लो०११९ पत्र. 193 अङ्कोठोऽकोल्लको रेची निर्दिष्टो दीर्घकीलकः / अङ्कोटोऽङ्कोलको रेची निर्दिष्टो दीर्घकीलकः / / पीतसारस्ताम्रफलो गन्धपुष्पो निकोचकः // पीतसारस्ताम्रफलो गन्धपुष्पो निकोचकः / / पत्र. 74 वर्ग 1 श्लो०२५८ पत्र. 6. भल्लातकः स्मृतोऽरुष्को दहनस्तपनोऽग्निकः / / भल्लातकः स्मृतोऽरुष्को दहनस्तपनोऽग्निकः / अरुष्करो वीरतर्भल्ली चाग्निमुखी धनुः // __ अरुष्करो वीरतर्भल्लातो ऽग्निमुखो धनुः // पत्र. 75 __ वर्ग 3 लो०१४३ पत्र. 123 निम्बो नियमनो नेता पिचुमन्दः सुतिक्तकः। निम्बो नियमनो नेता पिचुमन्दः सुतिक्तकः / अरिष्टः सर्वतोभद्रः सुभद्रः पारिभद्र कः // अरिष्टः सर्वतोभद्रः प्रभद्रः पारिभद्रकः / / पत्र. 76 ___वर्ग 1 लो०२९ पत्र. 13 महानिम्बः स्मृतोद्रेकः कामुको विषमुष्टिकः / महानिम्बः स्मृतोद्रेकी कार्मुको विषमुष्टिकः / केशमुष्टिनिम्बरको रम्यकः क्षीब एव च // केशमुहिनिम्बरको रम्यकोऽक्षीर एव च // पत्र. 77 __वर्ग 1 श्लो०३१ पत्र. 13 1. सखा। क, ख. छ. // 2. महोत्सवः क. ख. घ. छ; मदोत्सवः ग. // 3. शुद्राम्र उक्तः कोशाम्रो लाक्षावृक्षः सरक्तकः / जन्तुवृक्षो घनस्कन्धः कृमिवृक्षः सुकोशकः / ख. ङ / क्षुद्रोऽन्य उक्तः कोशाम्रो लाक्षावृक्षः सुरक्तकः छ. // 4. गालवः क. ग. ल. च // 5. विषमुष्टिकः क. ख. // 6. वजुलो क. छ / 7. स्मृतो रुक्षोदक. ग.॥ 8. 'म्बवरो र ग. //

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