Book Title: Nighantu Shesh
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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________________ हैमनिघण्टुशेषटीकान्तर्गतानां ग्रन्थान्तरावतरणानामनुक्रमः। 335 श्लोकादि पृष्ठम् श्लोकादि पृष्ठम् गृञ्जनं यवनेष्टश्च चर्विका कोलवल्ली च / [सुश्रत ] 184 [ धन्व० 2-76 प० 85] 166 गोकण्टो गोक्षुरः कण्टी चव्या कोलाऽथ चविका धन्व० 1-103 पत्र. 26] 112 [चन्द्रनन्दन ] 167 गोक्षुरः स्याद् गोक्षुरको चाङ्गेरी चुक्रिका दन्त[धन्व० 1-102 पत्र 26] [ अमर 0 का० 2 वर्ग 4-140] 190 गोजह्वा गोजिका गोभी चाणक्यमूलकं चान्य [ धन्व 4-35 प० 141] 192 गोधूमः सुमनः क्षुद्रो चित्रको दहनो व्यालः [ धन्व० 2-80 प० 86] 136 ग्रन्थिकं पिप्पलीमूलं चित्रोपचित्रा न्यग्रोधी [ अमर० का० 2 वर्ग 4-85] 176 ग्रीष्माऽतिसुरभिः कान्ता चिरिबिल्वो नक्तमालः [ धन्व० 5-140 पत्र. 198] 133 [ अमर. का. 2 वर्ग 4-47] 80 चीनकः काककगुः स्यात् घटि क्यपि द्युतौ 215 [ कविकल्पद्रुमधातुपाठ चूडामणिः शीतपाकी घुणप्रियाऽतिसारनी [ धन्व० 4-29 50 140] 160 173 जङ्घायां स्त्री पुमान् खड्ग चक्रमर्दस्त्वेडगजो [ धन्व० 4-5 चक्रमर्दः स्मृतश्चक्री पत्र 134] जन्तुवारा जन्तुकृष्णा [ धन्व० 4-88 50 151] 155 जम्बीरः खरपत्रश्च [ धन्व० 4-52 प. 144] 124 . जम्बूः सुरभिपत्रा च चणको हरिमन्थः स्याद् चण्डा धनहरी चोरी ] 175 चन्दनं घनसारं च [ धन्व० 3 1 प० 93] 16 चन्द्रलेखेन्दुलेखा च [ धन्व० 1-166 प० 38] 121 चन्द्रा स्वादु विषाणी च [ धन्व० 1-86 50 22] 108 चम्पकः सुकुमारश्च [ धन्व० 5-142 प० 199] 9 जम्भीरो जम्भलो जम्भो [ धन्व. 5-14 प० 171] 32 जलपिप्पल्यभिहिता [ धन्व० 4-64 50 147] 157 जातीफलं जातिसस्य [ धन्व० 3-35 प० 102] 130 जाती मनोज्ञा सुमना [ धन्व० 5-137 प० 198] 130 जीमूतको देवताडो [धन्व० 1-173 प० 40] 173

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