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णायकुमारचरिउ जय थियपरिमियणहकुडिलचिहुर जय पयणयजणवयणिहयविहुर । जय समयसमयमयतिमिरमिहिर जय सुरगिरिथिर मयरहरगहिर। जय तियसमउडमणिलिहियचलण जय विसमविसयविसविडविजलण। जय णरयविवरगुरुवडणधरण
जय समियकलुस जरमरणहरण । जय दसदिसिगयजसपर्सेरधवल णियेणयबलविणिहयकुणयपवल । जय खमदमसमजमणिवहणिलय गयणयलगरुय भुअणयलतिलय। जय गुणमणिणिहि परियलियहरिस जय जय जिणवर जय परमपुरिस। घत्ता--जहिं णिद्द ण भुक्ख ण भोयरइ देहु ण पंचिंदियह सुहु ।
जहिं कहिं मि ण दीसइ णारिमुहु तहो दसहो लहु लेहि महु ॥११॥
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The king listens to a religious discourse and then inquires about the fruit
of the last of Sri Panchami. जिणदसणेण णरणाहु तुटु
मुणि वंदिवि णरकोट्टई बइठ्ठ। परमेट्ठिहे णिग्गय दिव्य वाय
तहिं णिसुय तेण पंचत्थिकाय । इसिवयई पंच घरवयइं पंच
पंच वि गईउ समिदीड पंच । गुत्तीउ तिण्णि रयणाइं तिण्णि
सल्लाई तिण्णि गारवई तिण्णि । दहभेयधम्मु छज्जीवकाय
चउविहकसाय नव नोकसाय। अणवरउ धरियदूसहवयाहं
एयारह पडिमउ सावयाहं। अंगई बारह आयण्णियाई
चउदह पुवई मणि मण्णियाइं । णाणापुग्गलसंजोयभाव
पयईरस दरिसिय दुक्खताव। आसवसंवररयणिजराई
घोराई कम्मबंधंतराई। उप्पत्ति सरीरहं जं पमाणु
सुरणरणारयमयउलहं णाणु । आउसु परिमाणविहत्तिकरणु
गुणठाणारोहणु देहभरणु। घत्ता-इय णिसुणिवि पुच्छिउ सेणिपण भणु परमेसर महु विमलु।
विणिवारियदुक्कियदुहवसरु सिरिपंचमिउववासफलु ॥१२॥
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३ ABD चरण. ४ E धवल in place of पसर. ५ C जय in place of णिय. 12. १. D सुणिय. २ E omits the following three feet. ३ D°माउ. ४.1B एयारह; C
एयारस. ५ D कम्मइं विनिवाइयाइं. ६ E परिणाम. ७ विहित्ति'; E कदत्ति'.
नागकुमार....२.
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