Book Title: Nayakumarchariu
Author(s): Pushpadant, Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 163
________________ पुप्फयंतविरइयउ [9.2. 1 Nagakumara marries Lakshmimati who wins his affections very deeply. घरु आयहो मयणहो विरइयरइ तेण वि धीय दिण्ण लच्छीमइ । सा तहो रुच्चइ चंदहो रत्ति व णवियहो भवियहो जिणवरभात्त व । सुयणहो सजणगुणगणतत्ति व पत्थिवपंहुहे पहुत्तणसत्ति व । वरकइणाहहो भासाजुत्ति व निग्गंथहो तणुमणवयगुत्ति व । अरुहण्हवणपारंभहो जुत्ति व सामणिउत्तहो मंतहो खंति व । मग्गणयहो विप्पहो संकेति व जोहाहारविसेसहो कंति व । सम्मत्तहो सुधम्मणिबित्ति व दाणेसहो धरि ठिय रिसिपंति व । सरसहो सुललियकव्वपउत्ति व भमरहो णवसररुहरसभुत्ति व । वइयायरणहो कयपयवित्ति व देसहो णरवइणायपवित्ति व । कुमुयायरहो णिसायरदित्ति व ___ जसवंतहो पुरिसहो जसकित्ति व। घत्ता-किं कीरइ वेलिहिं फुल्लियहिं फुल्ल जाहं रसु चक्खिवि णिग्गइ। सोहग्गु पसंसिउ मालइहे महुयरु जाहे णिरारिउ लग्गइ ॥२॥ 10 Woman is the ornament of man. सोहइ जलहरु सुरधणुछायए सोहइ णरवरु संचए वायए। सोहइ कइयणु कहए सुबद्धए सोहइ साहउ विजए सिद्धए । सोहइ मुणिवरिंदु मणसुद्धिए सोहइ महिवइ णिम्मलबुद्धिए । सोहइ मंति मंतविहिदिट्टिए सोहइ किंकरु असिवरलट्ठिए । सोहइ पाउसु साससमिद्धिए सोहइ विहउ सपरियणरिद्धिए । सोहइ माणुसु गुणसंपत्तिए सोहइ कजारंभु समत्तिए। सोहइ महिरुहु कुसुमियसाहए. सोहइ सुहड सुपोरिसराहए। सोहइ माहउ उरयललच्छिए सोहइ वरु वहुयए धवलच्छिए । घत्ताः-गुणहरु मुट्टिहे माइयउ सुद्धवंसु अण्णु वि कोडीसरु । णरहो कलत्तु सरासणु वि किं ण करइ सरीरु भाभासुरु ॥३॥ 10 १ CD add before this — विसयविरत्तहो संतहो मुत्ति व ' २ C पुहहे; E पहुहि. ३ AB पारंभहे. ४ C संति व ५ C सक्रति, ६ BCDE जिण्हाहार. ७ Cणिव्वात्त: E णिथत्ति. ८C omits this foo'९ Cजासु. १० Cजासु; E जाइ. 8. १ AB सद्दए. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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