Book Title: Nayakumarchariu
Author(s): Pushpadant, Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 238
________________ सम्माण] शब्दकोशः [ ससि सम्माण सम्+मानय् ° णिवि I, 15, 1. सरिस-सदृश VI, 3, 9. सम्माणिय-सम्मानित VI, 8, 12. सलक्खण-सद् । लक्षण III, 13, 10. सय, °अ-शत I, 6,6%3 I, 13,4; 1,11,7. सलसलंति-omomatop. IV, 15, 5. सयज-स्व + कार्य IV,b, 13. सलहिज-श्लाघ् (कर्मणि) ° इ VIII, 6, 6 सयजयर-स्वकार्य + कर II, 4, 13. (Hem. IV,88). सयण-शयन II, 14, 10; V, 13, 10. सलिलजाण-सलिलयान I, 15, 6. सयण-स्वजन VIII, 12, 2. सल्ल-शल्य I, 12, 4. सयणत्तण-सुजनत्व VIII, 13, 10. सल्लइ-शल्लकी (see notes) VII, 2, 5. सयमह-शतमख ( इन्द्र ) I, 14, 3. सल्लइ-शल्यायते VII, 2, 5. सयर-स्व + पर V, 4, 17. सल्लि-शल्लकी II, 1,4. सयवत्त-शतपत्र IV, 8, 16; IV, 12, 8. सल्लिय-शल्यित III, 6, 7. सयसूलिणिया-शतशूलनिका (विद्यानाम ) VI, सवडंमुह-अभिमुख (संमुख) V, 8, 9; VIII, 6,8. ___8, 1. (D. VIII, 21). सया-सदा II, 3, 12. सवण-श्रवण (कर्ण) III, 17, 3. सयासिअ सदाशिव IX, 6, 3. सवण्णभोयण-सर्वान्नभोजन III, 7, 1 ( सवर्ण सर-शर I, 7, 3; III, 6, 13; VII, 6, 11. ___ दालियुक्त भोजन, टि.). सर-स्वर III, 6, 4. सवत्ति-सपत्नी II, 2, 14; III, 8, 16.( H. सर-स्मृ °इ I, 10, 2; I, 11, 2; °सु VII, __ सौत) ___13,73; °रिवि VII, 6,7. सवर-शवर VI, 8, 1. सर-स्मर (काम) I, 17, 15; VI, 16, 11; सवाल-स्वपालक आत्मरक्षक, टि. IV, 15, 14. __VIII, 3, 4. सवियप्प-स+विकल्प III, 1, 11. सरउयय-स्वरोदय III, 1, 9. सवीअ-स+बीज IX,21, 7. सरण-शरण I, 11, 1; V,3,4. सम्वत्थ-सर्व+अर्थ IX, 7, 7. सरणाइय-शरणागत VIII, 13, 10, सव्वाहरत्त-सर्व+अधरत्व IV, 5, 4. सरधणु-स्मर + धनः II, 9, 8. सवोसहिया-सर्वोषधिका (विद्यानाम) VI,6,23. सरयण-स+ रत्न VIII, 3,8. सस-स्वस II1, 6, 3; V, 3, 13; VII,4,b. सरवण-स्मर (or शर) + वृण IV, 5, 11. ससयण-श्वश्रू+जन VI, 12, 7. सरसासाहिअ-स्मरलक्ष्म्याः साधकः टि.IX,1,8. ससयण-स+स्वजन VII, 10, 12. सरसुत्तियार-सरस + उक्ति + कार IV, 9, 10. सससुअ-स्वस+सुत VII, 9, 2. सरसुच्छ-सरस + इक्षु VIII, 6,1. ससहर-शशधर I, 3, 3; VI, 10, 6. सरहस-स+रभस IX, 19, 1. ससहरमुहिय-शशधरमुखी VI, 1, 9. सरंत-सरत् VII, 2,5. ससहाव-स्त्र+स्वभाब VI, 5, 6. सराइय-सरागा IX, 19, 12, ससामि-स्व+स्वामिन् VIII,5, 3. सरासइ-सरस्वती I, 3, 5. सलालगथ-( सव्यञ्जनं, शालवृक्षसहितं शशकसरासइ-सरस्वती, स्त्री, VIII, 12, 6. __ जीवबन्धनयुक्तं वा, टि.) VI, 9, 4. ( सालणअ सरि-सरित् V, 4, 16. some kind of dish; see भविस VI,23, 3.) सरिद्धि-स्व+ ऋद्धि VI, 13, 9. ससि-शशिन् I, 17, 11. नाग....२२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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