Book Title: Nayakumarchariu
Author(s): Pushpadant, Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 145
________________ विलुलियंतमालापक्खलियई असिणेहसणभडहुयँ वहजालयई जं सामंतपमुहु भडु मारिउ तं धाइ जयविजय भयंकर ते व अछेयायहिं संधिवि सयल सुहड संगरे ओसारिवि धरिउ कुमारें सीहउरेसरु पुच्छिउ अब्भुर्यभावियमइणा एहु कार्मु किं हुडणारायणु तेण उत्तर मई विण याणिउ एत्थाएं रिउफुरणु णिसुंभिउ अवरें उत्तु राय सिय से विहे पुष्यंतविरइयउ घत्ता - एहए सुहडवमालि कप्पहुमु जिह सूडिउ । वाले उ बाणेण दंडणाहु रणे पाडिउ ॥ ७ ॥ 8 9. Complete routing of the enemy who is himself captured by Nagakumara. The latter is introduced to Arivarma as his own nephew. खग्गकरेण वइरि हक्कारिउ । चंड चंडपज्जोयहो किंकर । अयि नायकुमारही वंधिवि । पडिवलपहरणपसरु णिवारिवि । विडप्पे खयदिणणेसरु । अंतरपुरवइ गिरिपुरवइणा । दीस गुणमहंतु जसभायणु । अहिणउ आयउ घरे सम्माणिउ । चंग पाहुणएण वियंभिउ । उप्पणउ पुहई महविहे । 'णिसुणेवि मामु संतोसिउ पणवमाणु सससुर अवरुंडिउ ससुरें सुंदरु साहुकारिउ कढिणगयापहारणिद्दलियई । सूल सेलकुंतग्गिर्हि हुलिई । धत्ता-एहु सो णायकुमारु परिरक्खियभूभायहो । भाइणेउ तुह होइ पुत्त जयंधररायहो ॥ ८ ॥ 9 Nagakumara marries Jayavati, his maternal uncle's daughter. जयजयस विजउ पघोसिउ । रणचंडर्हि भुयेदंडहिं मांडेउ । तेण वि बद्धउ रिउसाहारिउ । Jain Education International ७६ [7.7.9 ७ हुववह ८ C कुलियइं; E घुलियइं. 8. १ C सामंतु पमुहभडु. २ D पचंडपजोयहो. ३ C रुंभेवि, ४ ABD अप्पिवि. ५ E णाय, ६ E अब्भुअ. ७ ABCE कासु. ८ E °हिं. १E omits this foot २ E भुअ. ७ For Private & Personal Use Only 10 5 10 www.jainelibrary.org

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