Book Title: Nandanvan Kalpataru 2012 03 SrNo 28
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 37
________________ काव्यानुवादः काव्यचतुष्टयी अनुवादकः मुनिकल्याणकीर्तिविजयः १. शब्दा : गूर्जरमूलम् - शब्दो मदनकुमार अंजारिया 'ख्वाब' संस्कृतानुवादः तमारा थकी कविता प्रेमपत्र प्रमाणपत्र श्लोक वगेरे लखी शकाय छे; तो वळी राजीनामुं जासाचिट्ठी नोटिस के गाळ पण लखी शकाय छे ! हे शब्दो ! आ तमारी खूबी छे के खामी ? भवतां माध्यमेन काव्यं प्रेमपत्रं प्रमाणपत्रं श्लोकाः इत्यादि लिखितुं शक्यते पुनश्च त्यागपत्रं भापनपत्रं सूचनापत्रम् अथवा गालिरपि लिखितुं शक्यते ! भोः शब्दाः ! किमेषा भवतां विशिष्टता वा क्षतिर्वा ? ३७

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