Book Title: Muni Gun Mahattva Vichar
Author(s): Champaksagar
Publisher: Nanchand Parmanand Patani

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Page 65
________________ १२; ઈતિ સ્વાધ્યાય વિભાગ श्री सीमधर स्वामी स्तुति महान डण पुन्न सावन्न देह', जणाणदण केवलनाणगेहम् । महानदलच्छी बहु बुद्धिराय, सुसेवयामि सीमधर तित्थरायम् ॥१॥ पुरा तारगा जेह जीवाणजाया, भविस्मति ते सब भयाण ताया ॥ तहा संपय जे जीणा वट्टणाणा, . . सुह दितु ते मे ति लोयपाहाणा ॥२॥ दुरुत्तार , संसार कुन्चारताय, ., कलकावलीपंक-परकाल-तोयम् I मणो वछियत्थे सुमदार कप्प जिण दागन वादिमो सुमहप्यम् ॥३॥ विकासे जिणदाणण भाजलीणा, कलांरुवलावन्नसाहम्गपीणा ॥ वह तस्स चित्तंपि णिच्चपि ज्ञाण, .. :: ...सिरिभाई देहि मे सुद्ध नाणम् ॥ ४ ॥ . .. योग साधकस्य साधनम् । अध्यात्म भाबना ध्यान, समता वृत्ति संक्षय:॥ मोक्षेण योजनाद्योग, एष श्रेष्ठे। यथोत्तरम् ॥१॥ अध्यात्म, माना, ध्यान, समता, वृति सक्षय% મેક્ષમાં જોડે તે જેગ, આદિ અન્ય શ્રેયસ્કર. ૧ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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