________________ आये B " " ऽतः इत: B हेतुमथो B 48 1 पृष्टः B TIFTS B " 6 जंघेs. शुद्धि-वृद्धिपत्रकम् पत्र पति मुद्रितपाठः पाठमेदः शुद्धपाठो वा पत्र पति मुद्रितपाठः पाठमेदः शुद्धपाठो वा 44 6 विलोक्य यावदेकवि-विलोकयति / स तावदे- 47 17 सार्वभूमो सार्वभौमो B शतिसहयानिष्ठा कविंशति सङ्ग्यानि , 20 निर्भरवेषं निर्जरवेषं B तानि ना B " 10 नाशे , 26 स्नानं किं दानं स्नानं किं ज्ञान कि " 14 वाच्छ (त्स) ल्यात् वात्सल्यात् B दान B 17 सुंदर! ___ पृच्छ्य त सुन्दरि ! B पृच्छत B 25 सुप्त्वा सुप्त्वा च B हेतुरथो 26 नृपात्मजः नृपात्मज| B "31 पाटला पेटला B , लक्षणवतः लक्षणयुजः B चिन्हानि चिह्नानि B सा B 35 तां च वाणी तां तद्वाणी B " "मृ (नि) यते नियते B 7 सार्वभूमस्ततो सार्वभौमस्ततो , 17 राजा राझ्या B मन्त्री मन्त्रीन् B , 21 त्वत्तन त्वत्तनुं B 9 प्राज्याज्यक्रयाय प्राज्यकेदारक्रि- 49 6 बकरी बष्करी° B यायै B 11 सर्वप्र सर्वाःप्र° B " 10 पृच्छन् पृष्टवान् B 13,14 पूरुषम् // 8 // पूरुषम् // 8 // __'कर्णावत्यां' इत्यस्योपरि 'आशापल्या' इति B क्षीर युग्मम् / / क्षीर B प्रतौ टिप्पणी। 15 विलक्षोऽप्यसौ विलक्षोऽथ स B 19 नमस्कुर्वन, कया नमस्कुर्वन्नेकया B 21 पंचासठी पंचासडी Pa // 12 साधर्मिकत्वाद् 'साधर्मिक! त्वां वन्दे' , हीयाई हियाहं B . चवन्दे / पृष्ट इति भणित्वा पृष्ट B 22 ढड्डसी दढसी Pa " 14 इष्टक इष्टकचित्तं B , , जे पत्तिजह ताई जे विससई तिया B 1 धिपत्वं धिपत्यं B 23 पाहित्थी 3-4 "रम्भा' यावत्'मेला' // 2 // ' पर्यन्तपाठस्थाने . पाहिं थी B , वंकडी किम पत्तिजि वंकुडी किमु पसिना रम्भा त्रिदशेषु शक्रः। नदीपु गङ्गा पुरुषेषु तास तासु B रामः, काव्येषु माघः कविकालिदासः , 24 नीयसिरि घड उबडावि नियसिरि घडा यह B // 1 // B , घड उवडावि घडउ चडावि Pa , 19 व्ययो .. दिह जे पास दिइंज पासु B व्यये B 28 दुर्ग भद्रो दुर्ग भट्टो Pa . , 20 स्वसन्देह ससन्देहा B दुर्गभट्टो Pb . , 21-22 न॥१६॥ श्वान न॥ 16 // यदुक्तम् , , दुर्ग भद्रो वादीश्वरो दुर्गभट्टोऽवादीतश्वान B तो B , 25 श्यडिम्भानि त्वमप्यधाः 30 स्तपति 'स्तप्यति B भ्यधाः B 33 कुल्याकल्पाः कुल्यातुल्याः B 25 विक्रीयते विक्रियते B " 35 नत्वा , मत्वा तत्र गत्वा , 27 श्रुत्वेन , नमश्चकार तीर्थम्। B " 30 गतः को स्थित्वा को B 1 स्तदीक्ष्य स्तद्वीक्ष्य B , 4 निषिद्धः कुमार' निषिद्धय कुमर' B -3 कासी निर्भर काशी निर्जर B 77 विलोकयत् व्यलोकयत् B 6 विभावयत् व्यभावयत् B ,8,14 कुडंगेश्वर कुण्डगेश्वर' B विभावयत् (न्) , 12 दर्शन दर्शनि B भवे B 14 स्फुटितं स्फटितं B , 11. कुमारश्चिन्त' कुमारोऽचिन्त: B श्रुत्वेम B " , भवेत्