Book Title: Kumarpal Charitra Sangraha
Author(s): Muktiprabhsuri
Publisher: Singhi Jain Shastra Shikshapith
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________________ 5. 55 105 शुक [मुनि] विन्ध्याचल [गिरि] 26 28 कुमारपालचरित्रसंग्रह विप्रह,-राज [नृप] 29,30 शाकम्भरी [देश] 29,98,99 विचारचतुर्मुख [विरुद 28 शान्तिचरित [प्रन्थ] 139 विजयचन्द्र [मुनि . 112 शान्तिपर्व [प्रन्थ-अध्याय] विजयपाल [नृप] 7,14,51 शालिमद् [श्रेष्ठी] विजयसिंह सूरि शिवपुराण [प्रन्थ] विजया [राज्ञी] शील[गुणसूरि विदेह [क्षेत्र] शुभकेशी [मुनि] 38 विद्याप्राभृत [अन्थ-विभाग] विनीता [नगरी] 102 श्यामल [महामात्र] विन्ध्य . श्रावकप्रज्ञप्ति [अन्य] 75,103 15,54,57 श्रीकान्त [नृप] विमलवाहण [नृप] 105 श्रीदेवी 36,136 विमलाचल [शत्रुञ्जय] श्रीपर्वत [देश] विश्वामित्र [ऋषि] 19,58,89 | श्रीपाल [कवि] 106,135 विश्वेश्वर [कवि] | श्रीमाल [वंश] वीतभय,-पत्तन,-पुर 24,76,98,138 श्रेणिक [नृप] 89,95 वीतरागस्तव [स्तोत्र-मन्थ] वीसल,-"देव [नृप] 29,30 सउंराक [कुलाल] 100 वुद्धल्लिका [स्थान] | सज्जन [कुलाल] 6,3,5,10,14 वैभारपर्वत,-"गिरि सजन [दंडनायक] 7,14,50 1,39,40,47 वैरसिंह सत्तुंजय [महातीर्य] 123-125 व्याघ्र [भरटक] संतिजिणचरित [अन्थ] व्याघ्रराज [सेवक] सपादलक्ष [देश] 22,29,30,54,99, व्यास [ऋषि] 102,111 | सपादलक्षीय शकुनिकाविहार / संपइ / [नृप] 21,113,152,139,140 शकुनीचैत्य 26,27,101 संप्रति / | संभूत [पूर्वधर] शक्रावतार [तीर्थ] 139 | समर [नृप] 100 शतानन्द [नृप] | सर्वार्थ,-थ्योगी,-सिद्धि शत्रुञ्जय [तीर्थ] 20,24-26,40,62,100,104, 4,11,45,46 सबदेव [श्रेष्ठी] 121 105,107 संबदेव शत्रुञ्जयकल्प [अन्य] 104 संसुर [नृप] शम्भलीश. [नृप] 6,48,49 श्यं भव [पूर्वधर] | सागर [वंश] . 139 साजण 29 शलाकापुरुषचरित [अन्य]. सामन्तसिंह [नृप] शाकटायन [व्याकरण] 41 / सामन्तमण्डलीसत्रागार [विरुद] 36 92 25 14.

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