Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan
View full book text
________________
ક્રમ કર્મણિ-ભાવે
लूत दृहन्त
०१ नत
०२ | पठित
०३ पतित
०४ | रक्षित
०५ | उदित
०६ उषित
०७ भणित
०८ खादित
०८ | दग्ध
१० अटित
११ अर्चित
१२ चलित
१३ | चरित
કર્તરિ ! કર્તરિ ભૂત કૃદન્ત વર્ત. કૃદન્ત
नतवत् नमत्
पठितवत् पठत्
पतितवत्
पतत्
रक्षत्
वदत्
रक्षितवत्
उदितवत्
उषितवत्
वसत्
भणितवत् भणत्
खादितवत् खादत्
दग्धवत् दहत्
अटितवत् अटत्
अर्चितवत् अर्चत्
चलितवत् चलत्
चरितवत् चरत्
४
Jain Education International 2560 P0vate & Personal Use Only
કર્મણિ-ભાવે વર્ત. કૃદન્ત
नम्यमान
पठ्यमान
पत्यमान
रक्ष्यमाण
उद्यमान
उष्यमाण
भण्यमान
खाद्यमान
दह्यमान
अट्यमान
अर्च्यमान
चल्यमान
चर्यमाण
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100