Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ म. | Pार्थ त्वर्थ . | सं.भू.(oral) सं.भू.. (य) उ८ क्षुभ्यताम् |क्षोभितुम् क्षुभित्वा | प्रक्षुभ्य क्षोभित्वा ४० मिल्यताम् मेलितुम् मिलित्वा ।संमिल्य मेलित्वा ४१ लिख्यताम् लेखितुम् प्रलिख्य लिखित्वा लेखित्वा ४२ | सृज्यताम् स्रष्टुम् सृष्ट्वा विसृज्य - - - स्पृष्ट्वा संस्पृश्य ४३ स्पृश्यताम् स्प्रष्टुम् स्पष्टुंम् स्फुट्यताम् स्फुटितुम् स्फुटित्वा प्रस्फुट्य ४५ स्फूर्यताम् स्फुरितुम् | स्फुरित्वा प्रस्फूर्य ४६ चिन्त्यताम् चिन्तयितुम् | चिन्तयित्वा | संचिन्त्य ४७| दण्ड्यताम् दण्डयितुम् | दण्डयित्वा । | प्रदण्ड्य ४८/ पीड्यताम् पीडयितुम् पीडयित्वा | उत्पीड्य ४८ पूज्यताम् | पूजयितुम् | पूजयित्वा । | संपूज्य ५० वर्ण्यताम् | वर्णयितुम् । वर्णयित्वा | संवर्ण्य - ૧૮ Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100