Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 51
________________ A -मावे तर भति-भावे ભૂત કૃદન્ત | ભૂત કૃદન્ત વર્ત. કૃદન્ત, વર્ત. કૃદન્ત स्वादित स्वादितवत् स्वादमान स्वाद्यमान सेवितवत् । सेवमान सेव्यमान सेवित 1 नीत - नीतवत् नीयमान नयत् नयमान ७/याचित याचितवत् याच्यमान याचत् याचमान - - राजित राज्यमान राजितवत् | राजत् राजमान + ऊद ऊढवत् उह्यमान वहत् वहमान - मुक्त मुक्तवत् मुञ्चत् मुच्यमान मुञ्चमान - सिक्त सिच्यमान सिक्तवत् सिञ्चत् सिञ्चमान - - १२/जात जातवत् ।जायमान जायमान जन्यमान - 3| युद्ध युद्धवत् । युध्यमान | युध्यमान ૩૯ Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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