Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 57
________________ વિધ્યર્થ કૃદન્ત- 1 | अनीय । य मतव्य | अन (अनट) अर्थयितव्य । अर्थनीय अर्थ्य | अर्थन - - 11900 १५ | अनुरोद्धव्य अनुरोधनीय | अनुरुध्य अनुरोधन १E सेद्धव्य सेधनीय सिध्य | सेधन ५७ ईक्षितव्य ईक्षणीय ईक्ष्य 1 ईक्षण + - - ४८ काशितव्य काशनीय काश्य काशन ८८ देष्टव्य | देशनीय देश्य देशन + - 000 अधितव्य अर्धनीय ऋध्य | अर्धन १०१ रोढव्य रोहणीय रोह्य रोहण - - - - १०२/ मोदितव्य मोदनीय मोद्य | मोदन + - + - + १०3/ कम्पितव्य | कम्पनीय कम्प्य कम्पन १०४ वप्तव्य वपनीय वाप्य वपन - - १०५ गर्जितव्य गर्जनीय । गर्थे | गर्जन ૪૫ Jain Education International 2000 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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