Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 66
________________ - on - म | भात-भावे तर २ | भाल-भावे | ભૂત કૃદન્ત ભૂત કૃદન્ત વર્ત. કૃદન્ત વર્ત. કુદત્ત ११८ द्रुत द्रुतवत् द्रवत् | द्रूयमाण ११८ रटित रटितवत् रटत् रट्यमान १२०/ तप्त तप्तवत् तपत् तप्यमान १.२१ मत मतवत् मन्यमान मन्यमान १.२२/ मूलित मूलितवत् । मूलयत् मूल्यमान १.२३ वर्जित वजितवत् | वर्जयत् वर्ण्यमान १२४/ शिक्षित शिक्षितवत् | शिक्षमाण | शिक्ष्यमाण १२५ अर्पित अर्पितवत् | अर्पयत् अर्यमाण १२६| भृत . भृतवत् भरत् भ्रियमाण भरमाण - १२७/मृगित मृगितवत् । मृगयमाण मृग्यमाण - १२८/क्षान्त क्षान्तवत् |क्षाम्यत् क्षम्यमाण १२८ हूत हूतवत् ह्वयत्, ह्वयमान| हूयमाण -- १3०/ वाञ्छित वाञ्छितवत् | वाञ्छत् वाञ्छ्यमान १३१ रुष्ट रुष्टवत् रुष्यत् रुष्यमाण - - १३२ लुपित . लुपितवत् | लुप्यत् लुप्यमान પ૪ Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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