Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 50
________________ माशार्थ | रत्व . | संभू.(sri) सं.भू.. (य) ८४ स्वाद्यताम् स्वादितुम् | स्वादित्वा संस्वाद्य ८५ सेव्यताम् सेवितुम् सेवित्वा प्रसेव्य - - - ८६ नीयताम् | नेतुम् । नीत्वा आनीय - ८७) याच्यताम् याचितुम्याचित्वा संयाच्य ८८ राज्यताम् | राजितुम्राजित्वा प्रराज्य ८८ उह्यताम् वोढुम् ऊढ्वा प्रोह्य मुच्यताम् मोक्तुम् मुक्त्वा प्रमुच्य ८१ सिच्यताम् सेक्तुम् सिक्त्वा |संसिच्य जनित्वा प्रजन्य ८२ जायताम् जनितुम् जन्यताम् ८3 युध्यताम् | योद्धम् युद्ध्वा संयुध्य उ८ Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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