Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 52
________________ ક્રમ ८४ ૮૫ ८६ ८७ ८८ ૮૯ ८० ૯૧ ૯૨ ૯૩ तव्य स्वादितव्य सेवितव्य नेतव्य याचितव्य राजितव्य वोढव्य मोक्तव्य सेक्तव्य जनितव्य योद्धव्य विध्यर्थ दृहन्त अनीय स्वादनीय सेवनीय नयनीय याचनीय राजनीय वहनीय मोचनीय सेचनीय जननीय योधनीय य स्वाद्य स्वादन सेव्य नेय राज्य वाह्य वह्य अनं (अन याच्य याचन सेवन जन्य नयन योध्य राजन मोच्य मोचन वहन सेक्य सेचन जनन योधन ४० Jain Education International 2560 Povate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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