Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 42
________________ - -વિધ્યર્થ કૃદન્ત अनीय । | तव्य अन (अनद गणयितव्य | गणनीय गण्य गणन + -+ | रचयितव्य रचनीय रच्य | रचन 63 | स्पृहयितव्य | स्पृहणीय स्पृह्य | स्पृहण + ६४ , गन्तव्य गमनीय गम्य गमन - - - - - द्रष्टव्य दर्शनीय दृश्य | दर्शन स्थातव्य स्थानीय स्थेय | स्थान दातव्य दानीय देय दान - - - ६८, पातव्य पानीय पेय | पान । - - - - ६८ मत्तव्य मदनीय मद्य | मदन ७० श्रमितव्य श्रमणीय श्रम्य श्रमण - 30 Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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