Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 45
________________ मार्थ | उत्वर्थ . ७१ शम्यताम् । शमितुम् - सं.भू (stau) | सं.भू.. (य) शान्त्वा शमित्वा प्रशम्य - - ७२] इष्यताम् । एषितुम् । | प्रेष्य इष्ट्वा एषित्वा 83| पृच्छयताम् प्रष्टुम् संपृच्छ्य | पृष्ट्वा | वन्दित्वा संवन्द्य १४ वन्द्यताम् । वन्दितुम् । ७५ वृध्यताम् । वधितुम् वधित्वा संवृध्य पक्त्वा संपच्य हृत्वा संहृत्य - - - ७६ पच्यताम् | पक्तुम् २७ हियताम् । हर्तुम् ७८/डीयताम् | डयितुम् | भाष्यताम् | भाषितुम् ८० रम्यताम् । रन्तुम् डयित्वा उड्डीय |भाषित्वा संभाष्य - रत्वा रमित्वा विरम्य विरत्य प्रलभ्य | लभ्यताम् | लब्धुम् लब्ध्वा ८२/ वृत्यताम् | वर्तितुम् वर्तित्वा ८3 शुभ्यताम् शोभितुम् । शोभित्वा प्रवृत्य सुशुभ्य 33 Jain Education International 2000 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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