Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 40
________________ मार्थ | उत्व है. ६१ गण्यताम् | गणयितुम् सं.भू.(sri) सं.भू.. (य) गणयित्वा संगणय्य - ६२ रच्यताम् रचयितुम् रचयित्वा संरचय्य 63| स्पृह्यताम् | स्पृहयितुम् । स्पृहयित्वा । संस्पृहय्य ६४| गम्यताम् गन्तुम् गत्वा आगत्य ६५/ दृश्यताम् | द्रष्टुम् दृष्ट्वा संदृश्य - - ६६ स्थीयताम् स्थातुम् स्थित्वा उत्थाय ६७ दीयताम् दातुम् दत्त्वा प्रदाय ६८ पीयताम् / पातुम् | पीत्वा संपाय ६८| मद्यताम् मत्तम् मत्वा | प्रमद्य ७० श्रम्यताम् श्रमितुम् श्रमित्वा विश्रम्य श्रान्त्वा ૨૮ Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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