Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan
View full book text
________________
भामाशार्थ | त्वर्थ ई.
सं.भू.(sran) सं.भू.. (य)
२८ स्मर्यताम् स्मर्तुम् २८ क्षीयताम् क्षेतुम् 30/ कुप्यताम् | कोपितुम्
-
-
-
-
-
-
3१ क्रुध्यताम् क्रोद्धम् उ२ तुष्यताम् तोष्टम् 33/ नश्यताम् |नशितुम्
नंष्टुम्
-
-
स्मृत्वा विस्मृत्य क्षित्वा संक्षित्य कोपित्वा प्रकुप्य कुपित्वा | क्रुद्ध्वा संक्रुध्य
तुष्ट्वा संतुष्य | नष्ट्वा विनश्य नंष्ट्वा नशित्वा नर्तित्वा | प्रनृत्य पुष्ट्वा संपुष्य मुग्ध्वा / विमुह्य मोहित्वा मूढवा/ मुहित्वा लुटित्वा प्रलुट्य लोटित्वा लुब्ध्वा प्रलुभ्य लुभित्वा लोभित्वा
-
-
-
-
3४/ नृत्यताम् नर्तितुम् उप पुष्यताम् । पोष्टुम् उ6] मुह्यताम् । मोहितुम्
-
मोग्धुम् मोढुम्
-
+
३७/लुट्यताम् | लोटितुम्
-
3८/ लुभ्यताम् | लोभितुम्
लोब्धुम्
૧૩
Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100