Book Title: Krudantavali
Author(s): Ajitchandrasagar
Publisher: Agamoddharak Pratishthan

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Page 17
________________ ।--विध्यर्थ हन्त-- तव्य । अनीय । य अन (अनट) नन्तव्य ! नमनीय नम्य नमन ०२ | पठितव्य पठनीय पाठ्य पठन पतितव्य पतनीय पात्य पतन + ०४ रक्षितव्य रक्षणीय रक्ष्य रक्षण वदितव्य वदनीय वाद्य वदन है। वसितव्य | वसनीय वास्य वसन [ - - भणितव्य भणनीय भण्य भणन १] खादितव्य | खादनीय खाद्य खादन दग्धव्य दहनीय दाह्य दहन | oKI + अटितव्य । अटनीय आट्य अटन १ अचिंतव्य । अर्चनीय . अर्च्य अर्चन चलितव्य । चलनीय चाल्य चलन a चरितव्य | चरणीय चरण ૫ Jain Education International 2000 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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