Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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गाथा
पृष्ठ
विषय चार निद्राओं का स्वरूप स्त्यानर्द्धि और वेदनीय कर्म का स्वरूप चार गतियों में सात, असात का विभाग और मोहनीय का स्वरूप तथा उसके भेद दर्शन मोहनीय के तीन भेद चतु:स्थानक आदि रस का स्वरूप सम्यक्त्व मोहनीय का स्वरूप तथा सम्यक्त्व के क्षायिकादि भेद नव तत्त्वों का स्वरूप मिश्र मोहनीय और मिथ्यात्व मोहनीय का स्वरूप मिथ्यात्व के दस भेद चारित्र मोहनीय की उत्तर प्रकृतियाँ चार प्रकार के कषायों का स्वरूप दृष्टान्त द्वारा क्रोध और मान का स्वरूप दृष्टान्त द्वारा माया और लोभ का स्वरूप नोकषाय मोहनीय के हास्य आदि छह भेद भय के सात प्रकार नोकषाय मोहनीय के अन्तिम भेद और तीन वेदों का स्वरूप आयु और नामकर्म का स्वरूप तथा उनके भेद आयु के अपवर्तनीय और अनपवर्तनीय दो भेद नाम कर्म की चौदह पिण्ड प्रकृतियाँ आठ प्रत्येक प्रकृतियाँ त्रस आदि दस प्रकृतियाँ स्थावर आदि दस प्रकृतियाँ
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