Book Title: Jivandhar Charitra Author(s): Kshatrachudamani Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 7
________________ 00000000000310000 स्वर्ग. शेठं भगवानदास कोदरजी स्मारकग्रंथमाळानो उपोद्घात. सुरतना वत्नी परंतु व्यापारार्थे मुंबाई निवासी वसा हुमड दि. जैन ग्रहस्थ शेठ भगवानदास कोदरजी विक्रम संवत १९६७ मां मुबाइमां स्वर्गवासी थया, ते वखते पोताने हाथे पोतानी सावधानीमांज रु. ३५००) नी रकम विद्यादान अने शास्त्रदान माटे एवी रीते स्थायी तरीके काढी गया छे के, आ रकम शेठ हीराचंद गुमानजी जैन बोर्डिग (मुंबाई ) ना ट्रस्ट फंडने स्वाधीन राखवी अने तेमांथी रु. २०००) ना व्याजमांथी जैन विद्यार्थीओने स्कोलरशीप आपवी अने तेमां प्रथम हक दिगंबरी विद्यार्थीनो राखवो. तथा रु. १५०० ) ना व्याजमांथी दर वर्षे एकेक धार्मिक पुस्तक प्रकट करावी सुरतमां वैशाख सुद १५ने दीने विद्यानंद स्वामीना मंदिरनी वर्षगांठ निमित्ते विद्यानंद स्वामी उपर सर्वे जैनोने वहेंचवं तथा सुरतथी प्रकट थता " दिगंबर जैन " पत्रना ग्राहकोने पण भेट तरीके वहेंच. आ मुजब आ ग्रंथमालानी शरुआत थाय छे अने तेना प्रथम पुस्तक तरीके 0 आ " श्री जीवंधर चरित्र " याने "क्षत्र चुडामणी" ग्रंथ आ विद्याविलासी गृहस्थना स्मारक तरीके तेमना फोटा सहित प्रसिद्ध करवामां आवे छे. प्रकटकर्ता. !000000000Page Navigation
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