________________
है [२] जिनमुत्ति
4
.
जगत् में अनेक देवों की मूर्तियाँ देखने में आती हैं। देवाधिदेव वीतराम श्री जिनेश्वर भगवन्त की मूर्ति अन्य सभी देवों से न्यारी, अनेरी और अनोखी लगती है । कारण यह है कि-श्री जिनेश्वर भगवान के अनन्त गुणों का स्मरण तथा सद्ध्यान करने के लिए पवित्र ऐसे जिनमन्दिरों में विधिपूर्वक जिनमूत्ति-जिनप्रतिमाओं की स्थापना की गई है। उनका दर्शन करने के साथ ही साक्षात् वीतराग विभु-जिनेश्वर देव के अनेक गुण याद माते हैं। ... ____ अन्य देवों की मूत्तियों में राग के साधन, द्वष के साधन और मोह के साधन देखने में आते हैं। जैसेकिसी के हाथ में शस्त्रादि, नयन-नेत्र में विकृति, पैर से शत्रु का दमन तथा पास में नारी-स्त्री इत्यादि । __जिनेश्वर भगवन्त की मूत्तियों में न राग के साधन हैं, न द्वष के साधन हैं, न मोह के साधन हैं और न अन्य किसी प्रकार की विकृति-विकार के साधन हैं। इसीलिए तो कहा है कि