Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 209
________________ कर सादड़ी न्याति-नोहरे में तथा शाम को मुक्तिधाम में पधारे। ___ आठम के दिन कोटगाँव में और नवमी के दिन फालना-अम्बाजीनगर में पधारे । [१४] सिन्दरु में महोत्सव वैशाख (ज्येष्ठ) वद १० मंगलवार दिनांक ३०-५-८६ के दिन प्रातः फालना से विहार द्वारा सिन्दरु गाँव में पधारते हुए राजस्थान-दीपक परमपूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि का संघ की तरफ से बैन्डयुक्त स्वागत हुआ। जिनमन्दिर-दर्शनादि के बाद 'जैनभवन-न्याति-नोहरे' का उद्घाटन भी पूज्यपाद प्रा. म. सा. की पावन निश्रा में हुआ। वहाँ पूज्यश्री का मंगल प्रवचन हुआ। जिनमन्दिर में नौ दिन के महोत्सव का भी प्रारम्भ उसी दिन हुआ। कुम्भ-स्थापना, अखण्ड दीपक, जवारारोपण भी किया गया। श्री सिद्धचक्र महापूजन' भी पढ़ाया गया। प्रतिदिन पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. तथा पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. सा. का व्याख्यान, पूजा-प्रभावना, प्रांगी-रोशनी, स्वामीवात्सल्य तथा रात को भावना का भी कार्यक्रम चलता रहा । ( ४६ )

Loading...

Page Navigation
1 ... 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220