Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 214
________________ वहाँ पर ज्ञानपूजन एवं मंगल प्रवचन के पश्चाद् संघपूजा हुई। (३) जेठ (आषाढ़) वद २ बुधवार दिनांक २१-६-८६ के दिन श्रीमान् मोहनलालजी सरेमलजी के घर पर पूज्यपाद दोनों प्राचार्य म. सा. ने चतुर्विध संघ के साथ बैन्ड समेत पगलियाँ किये। वहाँ पर भी ज्ञानपूजन तथा मंगल प्रवचन के बाद संघपूजा हुई। (४) जेठ (आषाढ़) वद ३ गुरुवार दिनांक २२-६-८६ के दिन श्रीमान् फूलचन्दजी चमनाजी के घर पर परम पूज्य दोनों आचार्यदेव ने चतुर्विध संघ के साथ बैन्ड सहित पगलियाँ किये। वहाँ पर ज्ञानपूजन, ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा एवं मंगलपूजन के बाद संघपूजा हुई। उसी दिन 'श्री वीशस्थानक महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई। (५) जेठ (आषाढ़) वद ४ शुक्रवार दिनांक २३-६-८६ के दिन श्रीमान् छगनलाल मीठालालजी के घर पर दोनों आचार्य भगवन्त ने चतुर्विध संघ के साथ बैन्ड सहित पगलियाँ किये। ज्ञानपूजन एवं मंगल प्रवचन के बाद संघपूजा हुई। (६) जेठ (आषाढ़) वद ५ शनिवार दिनांक ( ५१ )

Loading...

Page Navigation
1 ... 212 213 214 215 216 217 218 219 220